जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में 5 जनवरी को हुई हिंसा का मामला थमने के बजाय गरमाता जा रहा है। जहां एक छात्र लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं जेएनयू वीसी एम. जगदीश कुमार शुक्रवार सुबह मानव संसाधन विकास मंत्रालय पहुंचे हैं। यहां पर उनकी मुकाकात मंत्रालय में शिक्षा विभाग के सचिव से हो रही है।
जेएनयू हिंसा के विरोध में छात्रों का पैदल मार्च
इससे पहले जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में रविवार को हुई हिंसा के विरोध में गुरुवार को छात्रों ने मंडी हाउस से मानव संसाधन विकास मंत्रलय (एमएचआरडी) के कार्यालय, शास्त्री भवन तक मार्च निकाला। इसमें कांग्रेस की छात्र इकाई नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआइ), वामपंथी छात्र संगठन आइसा, एसएफआइ, डीएसएफ, केवाइएस समेत अन्य संगठन भी शामिल हुए। इस मार्च में जेएनयू, डीयू और जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों के अलावा शिक्षक भी शामिल हुए। इसके अलावा मणिपुर, हिमाचल प्रदेश से भी छात्र इस मार्च में पहुंचे।
जेएनयू से चली 11 बसों में संस्थान के छात्र मंडी हाउस पहुंचे। दोपहर 2 बजे मंडी हाउस से पैदल मार्च शुरू हुआ। इसमें छात्र संघ अध्यक्ष आईशी घोष, उपाध्यक्ष साकेत मून, महासचिव सतीश चंद्र यादव समेत करीब तीन हजार छात्र शामिल थे। इस दौरान स्पीकर लगा एक ट्रक भी मार्च में चल रहा था। शास्त्री भवन से कुछ दूरी पर पुलिस ने बैरिकेड लगा रखे थे। यहां पर छात्रों को रोक दिया गया। जेएनयू छात्र संघ ने कहा कि जेएनयू में मौजूदा हालात के जिम्मेदार संस्थान के कुलपति प्रो एम.जगदीश कुमार हैं। एमएचआरडी कुलपति (वीसी) को बर्खास्त करे। साथ ही छात्रवास की बढ़ाई गई फीस को वापस लिया जाए।
आपातकाल के समय भी नहीं हुआ था छात्रों पर हमला : येचुरी
सीताराम येचुरी ने केंद्र सरकार, जेएनयू के कुलपति व प्रशासन पर निशाना साधते हुए कहा कि जेएनयू के छात्रों पर तब भी हमला नहीं हुआ था जब देश में आपातकाल लगाया गया था। कुलपति को बर्खास्त किया जाए। वहीं डी. राजा ने भी केंद्र सरकार की भूमिका पर सवाल उठाए।
प्रदर्शन के दौरान पुलिस से भिड़े प्रदर्शनकारी, 11 हिरासत में
अपराह्न् 3.30 बजे के बाद जेएनयू छात्र संघ व शिक्षक संघ के प्रतिनिधि एमएचआरडी के प्रतिनिधियों से मिलने पहुंचे। बैठक के बाद बाहर आए प्रतिनिधि संतुष्ट नहीं थे। जिसके बाद उन्होंने राष्ट्रपति भवन की ओर कूच किया। देर शाम जंतर-मंतर से होते हुए छात्र कनॉट प्लेस तक पहुंचे। जिससे यहां यातायात व्यवस्था थोड़ी बाधित हो गई। पुलिस ने इन्हें रोकना चाहा तो धक्का-मुक्की शुरू हो गई। इस पर पुलिस ने हल्का लाठी चार्ज किया। धरपकड़ के दौरान दक्षिण-पश्चिम जिले के एडिशनल डीसीपी इंगित सिंह ने जब एक छात्र को पकड़ लिया तो एक छात्र ने उनके हाथ में दांत काटकर उसे छुड़ा लिया। घटना में नई दिल्ली जिला पुलिस ने 11 छात्रों को हिरासत में ले लिया जिन्हें मंदिर मार्ग थाने में रखने के बाद रात को छोड़ दिया गया।