लखनऊ : रायबरेली रोड, एल्डिको कालोनी से वरिष्ठ लेखक और पत्रकार प्रदीप कुमार सिंह पाल की छोटी बेटी एकता पाल (35 वर्ष) अपने घर से 3 जनवरी 2020 की सायं 4.00 बजे गायब हो गई। इस बारे में प्रदीप कुमार का कहना है कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने खुद को सरकारी नौकरी में बताकर मानसिक रूप से अपनी उम्र के सामान्य युवती की तरह न होने के कारण मासूम बेटी एकता पाल को गुमराह करके घर से दूर किसी अज्ञात स्थान पर बुलाकर उसे अगवा कर लिया है। इससे पहले उसने अगवा की हुई युवती से संदेहास्पद पत्र भी लिखवाया जिसमें युवती द्वारा सरकारी नौकरी करने वाले युवक से शादी करने की बात लिखी है। पत्र में युवक का नाम, पता आदि कुछ भी नहीं लिखा गया है। युवती के पिता प्रदीप कुमार ने घटना की अगली सुबह 4 जनवरी को थाना पी.जी.आई. थाने जाकर बेटी द्वारा लिखा पत्र पुलिस के सुपुर्द किया। पुलिस ने मामले की रिपोर्ट गुमशुदगी में एफआईआर दर्ज कर ली जबकि यह पूरा मामला बरगला कर अगवा करने का पहली ही दृष्टि में मालूम पड़ता है। प्रदीप कुमार के अनुसार बेटी अकेले घर से नहीं जाती थी। वह रोजाना पिता के कार्य से ईमेल, फेसबुक तथा वाट्सअप का उपयोग करती थी। इन्हीं संचार माध्यमों से वह किसी व्यक्ति के सम्पर्क में आ गयी और उस बदमाश व्यक्ति ने उसके भोले स्वभाव का फायदा उठाकर उसे घर से बिना किसी को बताये भाग जाने के लिए प्रेरित किया है।
किसी भी सम्भावित पुलिसिया सख्त कार्यवाही से बचने के लिये 6 जनवरी की प्रातः 10 बजे अभियुक्त (अज्ञात) द्वारा युवती के घर पर भाई विश्व पाल के मोबाइल पर किसी दूसरे के मोबाइल से फोन आया जिसमें युवती के घर पर अपने भाई से उस अनजान युवक से शादी की बात कहते हुये दो-तीन दिन में घर वापस आने की बात कही जबकि भाई विश्व पाल का कहना है कि बात करते हुये वह काफी डरी हुई और असहज प्रतीत हो रही थी। ऐसा लग रहा था कि उस पर दबाव डालकर यह फोन करवाया गया है। मोबाइल नम्बर के बारे जानकारी करने पर वह बंथरा, कानपुर रोड, लखनऊ के किसी सब्जी बेचने वाले का निकला जिसका कहना है कि किसी शख्स ने अपने पास मोबाइल न होने की बात कह कर उसे मोबाइल करने के लिये माँगा था। इस घटना से इस बात की आशंका और बढ़ जाती है कि वह किसी शातिर किस्म के अपराधी के चंगुल में फंस गई है। यह मामला अब किसी एक थाने तक सीमित न होने के कारण पीडित परिवार ने 7 जनवरी को एस.एस.पी. लखनऊ सिटी से मिलकर उन्हें पूरे मामले से लिखित में अवगत कराया। उन्होंने त्वरित कार्यवाही करने का भरोसा परिवार को दिया है।
पीडित परिवार बार-बार यह आशंका जता रहा है कि पुलिस को घटना के क्षेत्रों एल्डिको-2 तथा बंथरा में लगे सीसीटीवी कैमरों को देखना चाहिए। उनका कहना है कि बेटी एकता के पास दो माह पूर्व खरीदा एक नया मोबाइल भी है जिसे वह डिब्बे तथा उसमें रखी रसीद सहित ले गयी है। मोबाइल विक्रेता उस मोबाइल का एमआई नम्बर देने से इंकार कर रहा है। पुलिस यदि सख्ती करे तो मोबाइल का एमआई नम्बर मिल सकता है। पीड़ित परिवार का कहना है कि पुलिस द्वारा यदि त्वरित कार्यवाई नहीं की जाती है तो उनकी बेटी के साथ कोई भी गम्भीर घटना एवं दुर्घटना हो सकती है। युवती के पिता का यह भी कहना है कि उनकी बेटी मानसिक रूप से सामान्य बच्चों की तरह की नहीं है जिसकी वजह से अनहोनी की आशंका बहुत अधिक बढ़ जाती है। संदिग्ध अपराधी शादी का झांसा देकर तथा सरकारी नौकरी में होने की बात कहकर युवती का शारीरिक शोषण भी कर रहा है। लगातार चालाकी से अपनी पहचान छिपाकर वह पीडित परिवार तथा पुलिस को धोखे में रखा हुआ है। कोई भी सरकारी नौकरी करने वाला व्यक्ति इस तरह की अपराधिक गतिविधियों में अपने को संलग्न करके अपनी नौकरी को खतरे में नहीं डाल सकता है।