सीएम योगी ने लोकभवन में ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई योजना का प्रस्तुतीकरण देखा
सरफेस वाटर से होने वाली सिंचाई में भी ड्रिप एवं स्प्रिंकलर को दें बढ़ावा : योगी
सीएम ने दिया सिंचाई की इन दक्ष विधाओं का लक्ष्य चौगुना करने का निर्देश
लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि नि:शुल्क बोरिंग योजना का लाभ लेने वाले किसानों को ड्रिप या स्प्रिंकलर सिंचाई की शर्त भी पूरा करना होगा। इससे जल संरक्षण होगा। कृषि और उद्यान विभाग जो डिमांस्ट्रेशन करता है उसमें भी इसे अनिवार्य किया जाय। इसके लिए सरकार शीघ्र ही कैबिनेट में प्रस्ताव ला सकती है। मुख्यमंत्री मंगलवार को यहां लोकभवन में ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई योजना का प्रस्तुतीकरण देखते हुए उपरोक्त्त बातें कहीं।
योगी ने कहा कि भूगर्भ जलस्तर को बढ़ाने और अपनी नदियों को सदानीरा बनाने के लिए जलसंरक्षण समय की मांग है। ताजे पानी का अधिकांश हिस्सा फसलों की सिंचाई में खर्च होता है। सिंचाई की परंपरागत विधा की जगह अगर सिंचाई की इन दक्ष विधाओं का प्रयोग किया जाए तो कई लाभ होंगे। मसलन पानी बचेगा, सिंचाई की लागत घटेगी, समान रूप से नमी मिलने पर पौधों के जमता, बढ़वार और उपज बढ़ेगी। इससे किसानों की आय में वृद्धि होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ड्रिप और स्प्रिंकलर को सिर्फ बोरिंग के साथ ही नहीं, सरफेस वाटर से होने वाली सिंचाई से भी जोड़ें। अभी जो 55 हजार हेक्टेयर का लक्ष्य है उसे बढ़ाकर दो लाख कर दें। जरूरत पड़ी तो प्रदेश सरकार भी इसके लिए पैसा देगी। बैठक में जल शक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह, राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख, प्रमुख सचिव सुधीर गर्ग और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।