जब कभी भी नेता चुनने की बात आती है, तो हम यही चाहते हैं कि हमारा नेता ऐसा हो, जो दागदार न हो, लेकिन चुनाव के दौरान हम यह भूल जाते हैं। भारत में जितने भी सांसद और विधायक है, उनमें से अधिकांश पर किसी न किसी मामले में आरोप दर्ज हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, देश भर में करीब 1024 सांसदों और विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं, इनमें से 64 नेताओं पर अपहरण के मामले दर्ज है।
एसोसिएशन आॅफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) की रिपोर्ट के अनुसार, इन नेताओं द्वारा चुनाव के दौरान जमा किए गए एफिडेविट से इनकी आपराधिक छवि का पता चला है। एफिडेविट में पाया गया कि जिन 64 सांसदों और विधायकों पर अपहरण के मामले दर्ज हैं, उनमें से 16 केवल सत्तारूढ़ भाजपा से संबंधित हैं। जबकि कांग्रेस और आरजेडी में 6—6 सांसद और विधायकों पर अपहरण के मामले दर्ज हैं। इनके अलावा अपहरण के मामलों में एनसीपी, बीजेडी, डीएमके, सपा, टीडीपी, टीएमसी, सीपीएम, सीपीआई—एमएल, एसएचएस, बीटीपी, जेडीयू, लोजपा सहित कई पार्टियां और निर्दलीय सांसद भी शामिल हैं।
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसा, जिन विधायकों पर अपहरण के मामले दर्ज हैं, उनमें से ज्यादातर बिहार और उत्तर प्रदेश से नौ—नौ विधायक हैं, जबकि इस लिस्ट में महाराष्ट्र के 8 और पश्चिम बंगाल के 6 विधायकों पर अपहरण का मामला दर्ज हैं।
बता दें कि बिहार से जन अधिकार मोर्चा के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव पर अपहरण के सबसे ज्यादा मामले दर्ज हैं। उन पर अकेले अपहरण के 6 मामले दर्ज हैं।