सौंदर्य प्रसाधनों से ऐसे फैलती है स्किन एलर्जी, सीडी1ए की है अहम भूमिका

खूबसूरत दिखने की चाह में अक्सर लोग तमाम तरह के सौंदर्य प्रसाधनों का इस्तेमाल कर अपनी वास्तविक त्वचा की रंगत बिगाड़ लेते हैं। इनमें मौजूद विषैले रसायनों की वजह से लोग एलर्जी, चकत्ते और चमड़ी के पतले होने जैसी कई बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। इस समस्या से बचने के लिए अब शोधकर्ताओं ने अध्ययन कर उस तंत्र का पता लगाया है जो उपभोक्ता उत्पाद जैसे लोशन और इत्र आदि में ऐसे रसायनों की पहचान कर सकता है जो हमारी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि इस तंत्र के जरिये हम स्किन एलर्जी के मरीजों के इलाज के नए तरीके अपना सकते हैं।

साइंस इम्यूनोलॉजी नामक पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, त्वचा की कोशिकाओं में प्राकृतिक वसा जैसे अणुओं, जिसे लिपिड कहा जाता है, को विस्थापित करने के लिए प्रयुक्त किए जाने वाले उपभोक्ता उत्पादों में मौजूद रसायन से स्किन यानी त्वचा की एलर्जी का एक प्रमुख कारक है। अमेरिका की कोलंबिया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने कहा, ‘हमारे शरीर में एलर्जिक रिएक्शन तब होता है जब इम्यून सिस्टम के टी सेल्स यह जान जाते हैं कि फलां रसायन बाहरी है। लेकिन टी सेल्स छोटे रसायनों को सीधे नहीं पहचानती हैं, क्योंकि इन्हें बड़े प्रोटीन के साथ एक संशोधन से गुजरना पड़ता है ताकि ये टी कोशिकाओं को दिखाई दे सकें।

कोलंबिया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता और इस अध्ययन के सह-लेखक एनीमीके डी जोंग ने कहा, ‘हालांकि, स्किन केयर प्रोडक्ट्स या सौंदर्य उत्पादों में मौजूद कई छोटे तत्व होते हैं जिसकी वजह से हमारी त्वचा में सूजन आ जाती है, क्योंकि इन्हें टी कोशिकाएं पहचान जाती हैं। उन्होंने कहा कि इन तत्वों को टी कोशिकाओं के लिए अदृश्य होना चाहिए, लेकिन वे सदृश्य होते है, जिसके कारण समस्या और गहरा जाती है।

सीडी1ए की है अहम भूमिका

वैज्ञानिकों का मानना है कि सीडी1ए नामक मॉलीक्यूल टी कोशिकाओं को दिखाई देने वाले रसायनों को बनाने के लिए जिम्मेदार हो सकता है। सीडी1ए त्वचा की बाहरी परत में प्रतिरक्षा कोशिकाओं (लैंगरहैंस कोशिका) पर प्रचुर मात्रा मौजूद रहता है। वर्तमान अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि त्वचा में सूजन का पता लगाने वाले रसायन लैंगरहैंस कोशिकाओं की सतह पर सीडी1ए अणुओं को बांधने और टी कोशिकाओं को सक्रिय करने में सक्षम हैं।

त्वचा की जांच जरूरी है

शोधकर्ताओं ने कहा कि बालसम और फरनेसोल जैसे रसायनिक तत्व, जिनका सौंदर्य प्रसाधनों में खूब प्रयोग किया जाता है त्वचा में सूजन के लिए जिम्मेदार होते हैं। इसलिए किसी भी सौंदर्य उत्पाद का प्रयोग करने से पहले अपने त्वचा की जांच जरूर करवानी चाहिए, ताकि त्वचा के गंभीर रोगों से बचा जा सके।

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