लखनऊ पहुंचे राजनाथ सिंह, विपक्षी दलों को फटकारा

कहा, क्या सच बोलकर नहीं कर सकते सियासत!
बंद करें जनता को गुमराह करने का सिलसिला

लखनऊ। नागरिकता संशोधन कानून से किसी जाति, धर्म और मजहब के लोगों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। कुछ राजनीतिक दल इसको लेकर देश की जनता को गुमराह करने का काम कर रहे हैं। यह बातें लखनऊ आये रक्षा मंत्री ने रविवार को राजधानी के एलडीए कॉलोनी कानपुर रोड के सेक्टर आई में जस्टिस खेमकरन के आवास पर कहीं। राजनीतिक दलों पर सवाल उठाते हुए रक्षामंत्री ने कहा कि क्या सच बोलकर राजनीति नहीं की जा सकती है। देश की जनता को गुमराह करने का सिलसिला बंद होना चाहिए। रक्षामंत्री यहां नागरिकता कानून के जागरूकता अभियान में पहुंचे थे। इसके बाद उन्होंने सिंगार नगर आलमबाग में डॉक्टर सुधीर श्रीवास्तव के अस्पताल में भी पहुंच कर लोगों को इसके बारे में जागरूक किया। इससे संबंधित एक बुकलेट भी वितरित की।

उन्होंने कहा कि भारत में सिटीजनशिप एक्ट पहले से है। जो भी भारत में 12 वर्ष रहता है उसे पहले भी नागरिकता दी जाती रही है। पिछले 6 वर्षों में 3000 लोगों को नागरिकता दी गई। इसमें तमाम मुस्लिम समुदाय के लोग भी हैं। उन्होंने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री व सरकार जाति, धर्म या मजहब के आधार पर कोई भेदभाव नहीं करती। भारत ने हमेशा वसुधैव कुटुंबकम का संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि 1971 की लड़ाई के बाद जो नागरिक भारत आए थे उन्हें भी नागरिकता दी गई। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी इसकी वकालत की थी। अब अनावश्यक भ्रम फैलाया जा रहा है। रक्षा मंत्री ने कहा कि सच्चा हिंदुस्तानी जात धर्म व मजहब के आधार पर कोई भेदभाव नहीं करता। उन्होंने कहा यह अधिनियम हमने तैयार कराया था। यह किसी के खिलाफ कोई भेदभाव पैदा करने वाला नहीं है। किसी पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।

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