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उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सरकार और उसकी एजेंसियां ईसाई और सिखों सहित धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव की प्रक्रिया का हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में पाकिस्तान के हालात ये हैं कि वहां हमलावरों ने ननकाना साहिब का वहां से हटाने और नाम बदलने की धमकी दी है। पाकिस्तान में धार्मिक स्थानों और अल्पसंख्यकों पर लगातार हिंसा होती रही है। दशकों से अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों का हनन किया गया है। मीनाक्षी ने कहा कि अब तक उन्होंने इस मुद्दे कांग्रेस की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। उन्होंने नवजोत सिंह सिद्धू पर हमला करते हुए कहा कि मुझे नहीं पता कि सिद्धू पाजी कहां भाग गए हैं। यदि इस सबके बाद भी वह आईएसआई प्रमुख को गले लगाना चाहते हैं, तो कांग्रेस को इस पर गौर करना चाहिए। उल्लेखनीय है कि सिद्धू ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा को गले लगाया था। इसके बाद उन्हें काफी आलोचना झेलनी पड़ी थी।