बस बेड़े को बढ़ाने की कसरत में जुटे राज्य परिवहन निगम को सफलता मिल ही गई। निगम को अशोका लिलैंड कंपनी से अगले एक महीने में 150 नई बसें मिल जाएंगी। राजस्थान के अलवर में लिलैंड के प्लांट में पहुंची सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट की जांच में ये बसें पास हो गई हैं। अगले दस दिन में बसें मिलनी शुरू हो जाएंगी।
अशोका लिलैंड की बसों की जांच करने अलवर पहुंची टीम को गियर लीवर संबंधी शिकायत नहीं मिली। बसों में नए मॉडल के छोटी रॉड वाले गियर लीवर लगे हैं। लिलैंड ने बस की छत में आपातकालीन दरवाजा न बनाने की शिकायत भी दूर कर दी है। जांच रिपोर्ट में सीआइआरटी टीम ने कुछ बटन व स्विच आदि को इधर-उधर करने जैसे छोटे बदलाव की बात कही, जिसे लिलैंड कंपनी ने तुरंत मंजूर कर लिया।
बता दें कि दो माह पहले टाटा कंपनी से पुराने मॉडल के गियर लीवर वाली दोषपूर्ण बसों की आपूर्ति व इन बसों में आई तकनीकी खराबी के तुरंत बाद परिवहन निगम ने अशोका लिलैंड कंपनी से मिलने जा रही बसों की डिलीवरी से पहले ही जांच कराने के आदेश दे दिए थे। इसके लिए सीआइआरटी व रोडवेज अधिकारियों की टीम सोमवार की रात अलवर पहुंच गई थी। इस मर्तबा भी सीआइआरटी के वरिष्ठ वैज्ञानिक एसएन ढोले ने मंगलवार-बुधवार को बसों की जांच की। ढोले की ओर से ही दी गई रिपोर्ट में टाटा की बसों की दोषपूर्ण बताया गया था।
अलवर में दो दिन की जांच में वैज्ञानिकों ने बसों की बॉडी जांच, सीटों की जांच एवं गियर लीवर व दरवाजों आदि की जांच की और इसके बाद बसों की विस्तृत तकनीकी जांच व इनका ट्रायल भी लिया। दी गई रिपोर्ट में सीआइआरटी ने लिलैंड की बसों को तकनीकी फिट बताते हुए इन्हें ग्रीन सिगनल दे दिया। बता दें कि, रोडवेज द्वारा पर्वतीय और मैदानी मार्गों के लिए टाटा को 150 छोटी बसें और लिलैंड को 150 बड़ी बसों के आर्डर दिए थे। टाटा ने अक्टूबर में बसें भेज दी थीं, लेकिन ये दोषपूर्ण निकली और अब बसें टाटा को लौटाकर उन्हें ठीक कराया जा रहा है। रोडवेज के महाप्रबंधक दीपक जैन ने बताया कि अगले दस दिन में लिलैंड की बसें मिलनी शुरू हो जाएंगी।
शुरू किया रोका हुआ काम
टाटा की नई बसों में खराबी का मामला सामने आने के बाद अशोका लिलैंड द्वारा अपनी उन बसों का निर्माण कार्य रोक दिया गया था, जो उत्तराखंड को मिलनी हैं। अब सीआइआरटी से मंजूरी के बाद लिलैंड की ओर से काम शुरू कर दिया गया है।