मायावती के हमलों को नजरअंदाज क्यों कर रही हैं प्रियंका गांधी?

कांग्रेस महासचिव व उत्तर प्रदेश की पार्टी प्रभारी प्रियंका गांधी योगी सरकार पर लगातार हमलावर हैं. सोनभद्र में जमीन मामले को लेकर हुए नरसंहार के मामले से लेकर उन्नाव में रेप पीड़िता को जलाने तक का मामला हो या फिर सीएए के खिलाफ प्रदर्शन में पुलिसिया कार्रवाई में पीड़ितों की आवाज उठाने का मामला हो. प्रियंका गांधी इन तीनों मुद्दों पर विपक्षी दलों में बीस निकली हैं.

यही वजह है कि योगी सरकार और बीजेपी नेताओं से लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती तक प्रियंका गांधी को निशाने पर ले रहे हैं. वहीं, प्रियंका सिर्फ योगी सरकार पर ही तेवर सख्त किए हुए हैं और मायावती के हमलों को नजरअंदाज कर रही हैं. इसके पीछे कांग्रेस की सोची समझी रणनीति मानी जा रही है, जिसके तहत वो बसपा से दो-दो हाथ करने के बजाय योगी बनाम प्रियंका की सियासी बिसात बिछा रही हैं.

प्रियंका की यूपी में सक्रियता से सियासी हलचल

लोकसभा चुनाव में करारी मात के बाद अब कांग्रेस को यूपी में दोबारा खड़ा करने की कवायद प्रियंका गांधी खुद ही कर रही हैं. यूपी की कमान जब से प्रियंका गांधी को मिली है, तब से सूबे में कांग्रेस सड़कों पर आंदोलन करती नजर आ रही है. प्रियंका गांधी लगातार ट्विटर से लेकर सड़क पर उतरकर संघर्ष करने और अपने बयानों के जरिए योगी सरकार पर हमले बोल रही हैं. वहीं, योगी सरकार भी प्रियंका गांधी के बयानों और हमलों पर पलटवार करने में वक्त नहीं लगाती है.

सोनभद्र में जमीन मामले को लेकर हुए नरसंहार का मामला हो या फिर उन्नाव में रेप पीड़िता को जलाने का मामला. इसके अलावा हाल ही में जिस तरह से सूबे में सीएए और एनआरसी के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शन के दौरान पुलिसिया कार्रवाई में करीब 22 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई है. प्रियंका गांधी ने मृतकों और गिरफ्तार प्रदर्शनकारियों के परिवार वालों से मुलाकात करने से साथ-साथ सरकार पर जमकर हमले बोले हैं.

प्रियंका कांग्रेस को मुख्य विपक्षी दल बनाने में जुटी

प्रियंका सूबे में जनता से जुड़े किसी भी मुद्दे को छोड़ने को तैयार नजर नहीं आ रही हैं. प्रदेश में हर बड़ी घटना होने पर जिस तरीके से प्रियंका गांधी अपने को दूसरे सियासी नेताओं से आगे रख रही हैं, यह उन्हें उत्तर प्रदेश की राजनीति में अलग मुकाम दे रहा है. प्रियंका गांधी की सियासी गतिविधियां न सिर्फ योगी और बीजेपी बल्कि सपा और बसपा लिए भी किसी चुनौती से कम नहीं हैं. यही वजह है कि अखिलेश यादव को भी जमीन पर उतरने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है तो बसपा प्रमुख मायावती को भी बयान देना पड़ा रहा है और वो योगी सरकार से ज्यादा प्रियंका गांधी पर हमलावर हैं.

मायावती के निशाने पर प्रियंका गांधी

राजस्थान के कोटा में हुई बच्चों की मौत को लेकर मायावती ने कहा, ‘कांग्रेस शासित राजस्थान के कोटा जिले में हाल ही में लगभग 100 मासूम बच्चों की मौत से मांओं का गोद उजड़ना अति-दुःखद और दर्दनाक है. वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत खुद और उनकी सरकार इसके प्रति अब भी उदासीन, असंवेदनशील और गैर-जिम्मेदार बने हुए हैं, जो अति-निन्दनीय. है’

प्रियंका गांधी का नाम लिए बिना मायावती ने निशाना साधते हुए कहा, ‘कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व और खासकर महिला महासचिव की इस मामले में चुप्पी साधे रखना बेहद दुःखद है. अच्छा होता कि वो यूपी की तरह उन गरीब पीड़ित मांओं से भी जाकर मिलतीं, जिनकी गोद केवल उनकी पार्टी की सरकार की लापरवाही के कारण उजड़ गई हैं.’

कांग्रेस मायावती के हमलों कर रही नजरअंदाज

प्रियंका ने कहा, ‘कांग्रेस की महिला राष्ट्रीय महासचिव अगर राजस्थान के कोटा में जाकर मृतक बच्चों की मांओं से नहीं मिलती हैं, तो यहां अभी तक किसी भी मामले में यूपी पीड़ितों के परिवार से मिलना उनका यह सिर्फ राजनैतिक स्वार्थ और नाटकबाजी ही मानी जाएगी, जिससे यूपी की जनता को सर्तक रहना है.’ मायावती ने इससे पहले भी प्रियंका और कांग्रेस को सीएए के मुद्दे पर निशाने पर लिया था. लेकिन प्रियंका गांधी और कांग्रेस मायावती पर पलटवार करने के बजाय उनके हमलों को नजरअंदाज कर रहे हैं. इसके पीछे कांग्रेस की सोची समझी रणनीति मानी जा रही है.

दरअसल कांग्रेस यूपी की लड़ाई को योगी बनाम प्रियंका बनाने में जुटी है. इसीलिए मायावती के हमलों पर किसी तरह की कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रही है. कांग्रेस इस बात को बखूबी समझती है कि मायावती के सवालों में उलझेगी तो राजनीतिक तौर पर संदेश जाएगा कि विपक्ष आपस में ही लड़ रहा है. इसीलिए कांग्रेस मायावती पर पलटवार करने के बजाय योगी को निशाने पर ले रही है.

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