लखनऊ : बसपा प्रमुख मायावती ने सपा और कांग्रेस पर भी बिना नाम लिये उन पर अप्रत्यक्ष रूप से हमला बोला है। उन्होंने देश में शांति और सद्भाव बना रखे जाने की नसीहत देने के साथ ही कहा कि कुछ राजनीतिक दल व्यक्तिगत लाभ के लिए सद्भाव को बिगाड़ रहे हैं। इससे शांति और सद्भाव को ठेस पहुंच रहा है। ऐसे दलों को यह नहीं भूलना चाहिए कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और हमें सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए। देश में शांति और सद्भाव बनाए रखा जाना चाहिए। इससे पूर्व मंगलवार की देर रात बसपा प्रमुख ने कहा था कि कि केन्द्र एवं यू.पी. सरकार से जनहित की कुछ बेहतरी की उम्मीद करने की बजाय स्वयं अपनी मेहनत व कर्म से नया वर्ष व भविष्य बेहतर बनाने का विशेषकर युवा वर्ग का संकल्प एवं संघर्ष सराहनीय है।
मायावती ने कहा कि केन्द्र व यू.पी. सरकार की संकीर्ण, जातिवादी व साम्प्रदायिक सोच व ग़लत कार्यकलापों के कारण ही आमजनता का जीवन पिछले कुछ वर्षों के दौरान काफी दुष्कर व कष्टदायी बीता है। इसीलिए लोग सरकार से आमजनता की भलाई हेतु कुछ ख़ास बेहतर करने की उम्मीद को छोड़कर स्वयं अपने बलबूते पर ही आगे अपना व देश का भला करने के लिए आगे आ रहे हैं। इससे देश की लोकतांत्रिक संरचना में नई ऊर्जा का संचार हुआ है, जो काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि विशेषकर नए नागरिकता संशोधन कानून (सी.ए.ए.) को विभाजनकारी व धर्म के आधार पर देश की नागरिकता तय करने को सर्वथा असंवैधानिक मानकर इसका विरोध करने के लिए जिस प्रकार से सर्वधर्म व सर्वसमाज के लोगों के साथ-साथ विशेषकर शिक्षित व बेरोज़गार युवा वर्ग सड़कों पर शान्तिपूर्ण ढंग से उतरे हैं और यूपी में तमाम हिंसक घटनाएं हुईं, उनकी उच्चस्तरीय न्यायिक जांच होनी चाहिए।