लखनऊ : नागरिकता संशोधन कानून पर चल रही जुबानी जंग पर अब ‘भगवा’ तक पहुंच गयी है। इसकी शुरुआत सोमवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने की थी। भगवा पर टिप्पणी करते ही उन्हें उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने घेरा और हिन्दू धर्म और संस्कृति के बारे में जानने की नसीहत दी। तब तक मध्य रात्रि एक बजे प्रियंका ने ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे’ मन्त्र ट्वीट कर दिया जिस पर उनके ही फालोवर्स उनको घेरने लगे। दूसरी तरफ भाजपा ने इसको ढोंग बताया।
प्रियंका के मन्त्र वाले ट्वीट पर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने मंगलवार को कहा कि इससे कांग्रेस का चाल, चरित्र और चेहरा उजागर होता है। जब चुनाव आता है तो कांग्रेस के युवराज जनेऊ दिखाते हैं। कांग्रेस महासचिव एक तरफ घुसपैठिया का समर्थन करती हैं, दूसरी तरफ मंत्र का जाप। मनीष शुक्ला ने कहा कि मां चमुंडा खुद ही इस ढोंग को समझती हैं और अब वे ढोंग को बर्दाश्त नहीं कर सकतीं। उनको यह भी जानकारी होनी चाहिए कि इस मंत्र का सही उच्चारण न करने से जातक को भी हानि पहुंचती है और भगवान कभी जग में आग लगाकर खुद की राजनीति चमकाने वालों का कल्याण नहीं कर सकते। वे जानते हैं कि इससे जग की हानि होगी, इसी कारण तो प्रियंका वाड्रा मंत्र लिखने का नाटक भी सही ढंग से नहीं कर सकीं। इसका सही उच्चारण तो ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै है।
दरअसल सोमवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भगवा रंग के बहाने ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा। इस पर सीएम योगी ने भी प्रियंका को जवाब दिया। इन सबके बीच आधी रात को प्रियंका गांधी ने शक्ति की साधना का मंत्र ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे’ ट्वीट किया। उनके इस ट्वीट के बाद उनके फालोवर्स ने ही उनको घेरना शुरू कर दिया। इसके साथ ही भाजपा ने भी प्रियंका के ट्वीट पर पलटवार कर दिया। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने इसे एक ढोंग बताया। मंगलवार को प्रदेश सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने भी ट्वीट किया कि विरोध करने वालों ने कभी भी पड़ोसी देश में रह रहे अल्पसंख्यकों (हिन्दू, सिख, जैन वा अन्य) का दर्द नहीं समझा जो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। दूसरे ट्वीट में उन्होंने कहा कि ‘समूचा भारत देश सीएए के समर्थन में खड़ा है और जो लोग हिंसा फैला रहे हैं, देशवासी उनकी गंदी राजनीति को भी समझ रहे हैं। सीएए का विरोध करने वालों में वही लोग शामिल हैं जिन्हें जनता ने सिरे से खारिज कर दिया।