नई दिल्ली : सार्वजनिक क्षेत्र की सबसे बड़ी एयरलाइंस कंपनी एयर इंडिया के निजीकरण यानी बेचने को लेकर लगाए जा रहे कयास पर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने स्थिति स्पष्ट कर दी है। मंगलवार को पुरी ने साफ कर दिया कि इसका हर हाल में निजीकरण होगा। हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि एयर इंडिया प्रथम श्रेणी की एयरलाइन है, लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं है कि सरकार इसका निजीकरण करेगी। उन्होंने कहा कि हम इसका विनिवेश जल्द से जल्द करने की कोशिश कर रहे हैं। मीडिया को पुरी ने बताया कि कुछ समय के लिए एयर इंडिया ने कर्ज जमा किया है, जिसे अनिश्चित कहा जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि सरकारी एयरलाइंस कंपनी पर करीब 60 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है। एयर इंडिया को मौजूदा ऑपरेटिंग कॉस्ट व विदेशी मुद्रा में घाटे की वजह से भारी नुकसान उठाना पड़ा है। हालत तो ये है कि एयर इंडिया तेल कंपनियों को ईंधन का बकाया नहीं चुका पा रही है। तेल कंपनियों ने ईंधन की सप्लाई रोकने की धमकी भी दी थी। हालांकि केंद्र सरकार के हस्तक्षेप के बाद ईंधन की सप्लाई को दोबारा शुरू कर दिया गया था।