आए दिन महिलाओं के साथ हिंसा एवं दुष्कर्म जैसी घटनाएं हो जाती हैं जो समाज को शर्मसार कर देती हैं। ऐसे में तकनीक के सहारे महिलाओं की सुरक्षा के लिए नवाचार की पहल की बनारस के होनहार युवा इनोवेटर श्याम चौरसिया ने। उन्होंने सैंडल में फिट होने वाली ऐसी तकनीक ईजाद की है, जिससे मुसीबत में फंसी महिलाएं पांव के इशारे से भी पुलिस बुला सकेंगी।
श्याम ने सैंडल की सोल में सेंसर डिवाइस फिट कर बना दिया ‘स्मार्ट एंटी रेप सैंडल’। इसे पहनने के बाद मुसीबत के समय महिलाओं को न तो पर्स से स्मार्ट फोन निकालने की जरूरत होगी, न इमरजेंसी नंबर डायल करने की। उन्हें पांव की अंगुलियों से सैंडल में बने स्विच को लगातार दो बार दबाना होगा। ऐसा करते ही ब्लूटूथ के माध्यम से स्मार्ट फोन अनलॉक होकर खुद-ब-खुद 112 नंबर या आखिरी डायल नंबर डायल कर मदद बुला लेगा। घटनास्थल की ऑडियो रिकार्डिंग भी परिजनों के मोबाइल में होती रहेगी। स्वीकृति के लिए सेंसर डिवाइसयुक्त यह तकनीक आइआइटी-बीएचयू स्थित इंक्यूबेशन सेंटर में भी प्रस्तुत की गई है।
ऐसे काम करती स्मार्ट सैंडल
सैंडल में लगे वायरलेस (ब्लूटूथ) सेंसर डिवाइस को ब्लूटूथ के जरिए स्मार्ट फोन से जोड़ना होता है। अंगूठे के पास दिए एक छोटे से स्विच को दो बार दबाने पर जेब या पर्स में रखा मोबाइल अनलॉक होने के संग आखिरी डायल नंबर अपनेआप मिला देगा।
तीन माइक रिकॉर्ड करेंगे आवाज
सैंडल में लगे तीन माइक के माध्यम से फोन के दूसरी ओर महिला व वहां मौजूद लोगों एवं आसपास की आवाज स्पष्ट सुनी जा सकती है। 2500 एमएएच लीथियम ऑयन बैटरी लगी होने से एक बार चार्ज करने पर यह करीब चार से छह माह तक काम करेगा। श्याम के मुताबिक इसे तैयार करने में चार महीने का समय और करीब 9500 रुपये खर्च आया।