वर्ष के आखिरी ‘मन की बात’ में पीएम ने रखे विचार
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को देश की युवा पीढ़ी की सराहना करते हुए कहा कि युवा हर दिन कुछ नया करना चाहते हैं। देश के युवा सही व्यवस्था को पसंद करते हैं और इसका पालन नहीं करने वालों का पूरी दृढ़ता से प्रतिकार भी करते हैं। नई पीढ़ी को अराजकता, अव्यवस्था, जातिवाद और परिवारवाद से नफरत है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस साल के आखिरी ‘मन की बात’ कार्यक्रम में यह विचार रखे। उन्होंने कहा कि तीन दिन बाद हम 21वीं सदी के तीसरे दशक में प्रवेश करेंगे। उन्होंने देशवासियों को नए साल की अग्रिम बधाई देते हुए कहा कि इस दशक के बारे में एक बात निश्चित है कि इसमें, देश के विकास को गति देने में 21वीं सदी में जन्म लेने वाले युवा सक्रिय भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि ऐसे युवाओं को आज मिलेनीअल, जनरेशन जेड और सोशल मीडिया जनरेशन आदि शब्दों से पहचाना जाता है।
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश के युवा सही व्यवस्था को पसंद करते हैं। यदि कभी व्यवस्था ठीक ढंग से काम नहीं करती तो वे बैचेन भी हो जाते हैं और हिम्मत के साथ व्यवस्था से सवाल भी करते हैं। मोदी ने कहा कि वह इसे अच्छा मानते हैं। उन्होंने कहा कि हवाई अड्डे या सिनेमा हॉल की कतार में बीच में किसी के घुसने पर सबसे पहले आवाज युवा ही उठाते हैं। युवा ऐसी घटनाओं के वीडियो भी बनाते हैं और वह देखते ही देखते वायरल भी हो जाते हैं। ऐसे में गलती करने वाले को अहसास होता है उसने गलत किया। प्रधानमंत्री ने स्वामी विवेकानंद के कथन का उल्लेख करते हुए कहा कि युवावस्था की कीमत को न तो आंका जा सकता है और ना ही इसका वर्णन किया जा सकता है। यह जीवन का सबसे मूल्यवान कालखंड होता है। आपका भविष्य और आपका जीवन इस पर निर्भर करता है कि आप अपनी युवावस्था का उपयोग किस प्रकार करते हैं। उन्होंने आने वाली 12 जनवरी को विवेकानंद जयंती के निमित्त युवा वर्ग से देश के प्रति अपने कर्तव्य पर चिंतन कर कोई संकल्प लेने का आह्वान किया।