सीएम ने नाबार्ड के कार्यक्रम में किसानों को सम्बोधित किया
गोरखपुर : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज से तीन वर्ष पहले तक प्रदेश के किसानों को उनके कृषि उत्पाद का दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम मिलता था। वर्ष 2015-16 में धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1400 रुपये होता था, लेकिन किसानों को 900-1000 रुपये से ज्यादा नहीं मिल पाता था। इस वर्ष यह दाम 1835 रुपये है, जो सीधे किसानों के खाते में भेजा जा रहा है। इसके अलावा प्रदेश सरकार छनाई और ढुलाई के लिए 20 रुपये प्रति क्विंटल अतिरिक्त दे रही है। सिर्फ समर्थन मूल्य के माध्यम से प्रदेश सरकार किसानों को उनकी लागत का डेढ़ गुना से अधिक दाम दिला रही है, जो किसानों के जीवन में व्यापक परिवर्तन लाने का प्रयास है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के दीक्षा भवन में नाबार्ड द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) के सम्मान समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि एफपीओ और बैंकिंग संस्थाएं किसानों की आमदनी बढ़ाने और उनके जीवन में खुशहाली लाने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का समय ब्रांडिंग का है, हम अपने ब्रांड का जितना प्रचार कर सकेंगे, उसका उतना ही मूल्य मिलेगा। तमाम एफपीओ बेहतर कार्य करके अपने उत्पाद की ब्रांडिंग कर रहे हैं, उन्हें उसका बेहतर लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कुल 823 विकास खंड हैं। इस वित्तीय वर्ष के अंत तक हर विकास खंड में एक-एक एफपीओ स्थापित करें, जो वहां के किसानों के लिए रोल मॉडल बन सकें। योगी ने कहा कि हमारा प्रयास यह भी होना चाहिए कि आने वाले समय में प्रदेश की सभी 60 हजार ग्राम पंचायतों में भी एक-एक एफपीओ स्थापित हो, इससे किसानों की आमदनी को बढ़ाने में कई गुना मदद मिलेगी।
अगर किसान समृद्ध होंगे, तो प्रदेश और देश समृद्ध हो जाएगा। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि पहले प्रदेश में आढ़तियों के माध्यम से क्रय किया जाता था। स्वाभाविक है मुनाफा आढ़ती ही कमाते थे। आज हम 53 लाख मिट्रिक टन गेंहू, 50 लाख मिट्रिक टन धान का क्रय सीधे किसानों से कर रहे हैं। आलू का समर्थन मूल्य घोषित कर रहे हैं, दलहन और तिलहन के लिए समर्थन मूल्य घोषित करते हुए उसके प्रोक्योरमेंट को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग जीवन भर बेईमानी किए हैं, भ्रष्टाचार किया है, उन्हें हर जगह बेईमानी और भ्रष्टाचार ही दिखाई देगा।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि मई 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने पहले अभिभाषण में इस बात का उल्लेख किया था कि 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करना है। भारत जैसे देश में किसान और कृषि एक दूसरे के पूरक हैं। जब तक इस बड़ी आबादी को हम खुशहाली की ओर नहीं ले जाएंगे, तब तक देश में खुशहाली नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि इस दिशा में कई प्रयास प्रारम्भ हुए हैं। स्वॉयल हेल्थ कार्ड, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि जैसी अनेक योजनाएं देश में लागू की गई हैं। इसी तर्ज पर प्रदेश सरकार द्वारा किसानों की कर्ज माफी, प्रोक्योरमेंट की पॉलिसी को आगे बढ़ाना और ड्रिप इरिगेशन जैसी बेहतर सुविधाएं किसानों को उपलब्ध कराई जा रही हैं।