- देश को बनाने में उद्योगपतियों की भी भूमिका- मोदी
- 60 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं का किया शिलान्यास
लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि हिन्दुस्तान को बनाने में उद्योगपतियों की भी भूमिका होती है लेकिन उन्हें चोर लुटेरा कहना या अपमानित करना पूर्णतया गलत है। उन्होंने कहा कि हम उन लोगों में से नहीं हैं, जो कारोबारियों के साथ खड़े होने फोटो खिंचवाने से डरते हैं। वरना ऐसे भी लोग हैं, जिनकी उद्योगपतियों के साथ तस्वीरें तो नहीं हैं, लेकिन ऐसा कोई उद्योगपति नहीं, जिसने उनके घर पर साष्टांग दंडवत न किया हो। जिन लोगों की नीयत साफ नहीं होती, वे पर्दे के पीछे कारोबारियों से मिलते हैं।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रविवार लगभग 60 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं के शिलान्यास के लिए पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन योजनाओं को डिजिटल इंडिया और मेड इन इंडिया की ओर एक बड़ा कदम बताया। प्रधानमंत्री ने 81 परियोजनाओं का शिलान्यास इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के सभागार में किया। उन्होंने यहां ‘ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी-औद्योगिक निवेश का शुभारंभ’ के मौके पर अपने सम्बोधन में कहा कि अगर हिन्दुस्तान को बनाने में एक किसान, एक कारीगर, एक बैंकर फाइनेंसर, सरकारी मुलाजिम, मजदूर की मेहनत काम करती है तो वैसे ही देश के उद्योगपतियों की भी भूमिका होती है, हम उनको अपमानित करेंगे, चोर लुटेरा कहेंगे ये कौन सा तरीका है। उन्होंने कहा कि लेकिन जब नीयत साफ हो, इरादे नेक हों तो किसी के साथ खड़े होने से दाग नहीं लगते। महात्मा गांधी का जीवन जितना पवित्र था, उनको बिडला के परिवार में जाकर रहने में कभी संकोच नहीं हुआ क्योंकि उनकी नीयत साफ थी। उन्होंने कहा कि पब्लिक में मिलना नही पर्दे के पीछे सब कुछ करना है, वह डरते है। साथ ही उन्होंने चेताया कि जो गलत करेगा, उसे या तो देश छोड़ना पड़ेगा या जेलों में जिंदगी गुजारनी पड़ेगी।
प्रधानमंत्री ने इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में 60 हजार करोड रूपये की 81 परियोजनाओं का शिलान्यास किया। उन्होंने इतने बड़े निवेश की परियोजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी टीम के साथ साथ अधिकारियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना बहुत संकोच से कह रहे थे कि 60 हजार करोड रूपये का निवेश हुआ है। यह ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी नहीं रिकॉर्ड ब्रेकिंग सेरेमनी है। उन्होंने कहा कि इतने कम समय में प्रक्रिया को सरल कर इतना बड़ा निवेश करना बड़ी बात है। मैं भी बहुत लंबे अरसे तक मुख्यमंत्री रहा हूं। औद्योगिक गतिविधियों से जुड़ा रहा हूं। यह निवेश कम नहीं है। यूपी इन्वेस्टर्स समिट के पांच महीने बाद ही इतना बड़ा निवेश होना बड़ा काम है। 60 हजार करोड रूपये को कम ना समझें। हम एक ऐसी व्यवस्था खड़ी करना चाहते हैं जहां किसी प्रकार के भेदभाव की गुंजाइश ना हो। उन्होंने कहा कि मैंने उत्तर प्रदेश की 22 करोड जनता को वचन दिया था कि उनके प्यार को ब्याज समेत लौटाउंगा। यहां जो परियोजनाएं शुरु हो रही हैं वो उसी वचनबद्धता का हिस्सा हैं। ये परियोजनाएं उत्तर प्रदेश में आर्थिक और औद्योगिक असंतुलन को दूर करने में भी सहायक होंगी।
इससे पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि साठ हजार करोड़ रूपये की परियोजनाओं की शुरूआत तो आज ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में हो रही है। जबकि करीब पचास हजार करोड. रूपये की परियोजनायें पाइप लाइन में है जो जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि पांच महीने पहले प्रधानमंत्री ने यूपी इन्वेस्टर्स समिट 2018 का उद्घाटन किया था। उस समय 4.68 लाख करोड़ रुपये के एमओयू साइन हुए थे। अब हम उनकी प्रेरणा से पांच माह की अल्प अवधि में 60 हजार करोड़ रुपये के निवेश की प्रक्रिया को आरंभ कर रहे हैं। 60 हजार करोड़ रुपये के निवेश का 51 प्रतिशत पश्चिमांचल में, 27 प्रतिशत मध्यांचल व बुंदेलखंड में और 22 प्रतिशत पूर्वी उत्तर प्रदेश में होने जा रहा है। इस अवसर पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि देश में उद्योेग के लिये मुंबई, बंगलौर और दिल्ली ही बेहतर एक्सप्रेस वे माना जाता है लेकिन अब वह दिन दूर नही कि उद्योग के एक्सप्रेस वे में उत्तर प्रदेश का नाम भी शामिल होगा। क्योंकि उद्योग के क्षेत्र में पिछले एक साल में ही उत्तर प्रदेश का एक महत्वपूर्ण नाम बन गया है क्योंकि उत्तर प्रदेश में बहुत क्षमता है जिसे योगी सरकार ने बहुत तेजी से उभारा है। समारोह को उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला, गौतम अडानी, सुभाष चंद्रा, संजय पुरी, यूसुफ अली, बीआर शेटटी आदि ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर प्रदेश के उद्योगों पर एक दस मिनट की फिल्म भी दिखाई गयी।