बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजनशिप (NRC) को लेकर हुई हिंसा में मारे गए लोगों के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को सुझाव दिया है। उन्होंने यूपी सरकार से हिंसा में मृत लोगों की सही जांच कराने और निर्दोष लोगों की मदद करने के लिए कहा है।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर कहा है कि ‘सीएए और एनआरसी विरोधी हिंसा में सर्वाधिक यूपी में मारे गए लोगों की सही जांच-पड़ताल करके और इनमें जो लोग निर्दोष हैं, उनकी मदद के लिए सरकार आगे आए तो यह बेहतर होगा।
मुस्लिम समाज के लोग रहें सावधान
इससे पहले मायावती ने ट्वीट कर केंद्र सरकार से सीएए और एनसीआर को लेकर गहराई आशंकाओं को दूर करने की मांग की। उन्होंने लिखा है कि ‘बीएसपी की मांग है कि केंद्र सरकार सीएए व एनआरसी को लेकर खास कर मुसलमानों की सभी आशंकाओं को जल्दी दूर करें तथा उनको पूरे तौर से संतुष्ट भी करना चाहिए तो यह बेहतर होगा। लेकिन इसके साथ मुस्लिम समाज के लोग भी सावधान रहें। कहीं इस मुद्दे की आड़ में उनका राजनैतिक शोषण तो नहीं हो रहा है और वे पिसने लगे है।’
हिंसा पीड़ितों से मिलेंगे बसपा प्रदेश अध्यक्ष
इस बीच नागरिकता संशोधन कानून को लेकर यूपी में अनेक स्थानों पर हुई हिंसा के पीड़ितों से कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के मिलने जाने से बसपा में बेचैनी बढ़ गई है। मुस्लिम वोटरों में पकड़ बनाए रखने के लिए बसपा प्रमुख मायावती ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मुनकाद अली को पीड़ितों से मिलकर उन्हें सांत्वना देने की जिम्मेदारी सौंपी है। मायावती ने कहा है कि स्थानीय नेताओं का साथ लेकर मुनकाद अली पीड़ितों से मिलेंगे और दुख की इस घड़ी में बसपा के उनके साथ होने का आश्वासन भी देंगे। सूत्रों का कहना है कि हिंसा में मारे गए लोगों को लेकर कांग्रेस की सक्रियता और समाजवादी पार्टी के पीड़ितों के समर्थन में खुलकर सामने आने से बसपा को मुस्लिम वोटों के खिसकने का डर सता रहा है।