लखनऊ : नागरिकता संशोधन एक्ट (सीएए) के खिलाफ हिंसा और तनाव के बीच विरोध प्रदर्शन में जान गंवाने वालों के परिजनों से मिलने मेरठ जा रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा को प्रशासन ने मेरठ के बॉर्डर पर रोक दिया। प्रशासन ने जनपद में धारा 144 का हवाला देते हुए उन्हे आगे जाने की इजाजत नहीं दी। इसके बाद दोनों नेता सड़क मार्ग से वापस नई दिल्ली रवाना हो गए। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को पुलिस ने दिल्ली रोड स्थित परतापुर थाने के पास ही रोक दिया। उन्होंने कहा कि वह लिसाड़ी गेट में उन पांच पीड़ित परिवार के लोगों से मिलने जाना चाहते हैं, जिनके बच्चे हिंसा का शिकार हुए। कांग्रेस नेताओं ने केवल तीन ही सदस्यों के पीड़ितों से मिलने की इजाजत मांगी। हालांकि अधिकारियों ने उन्हें धारा 144 का हवाला दिया। इस दौरान राहुल और प्रियंका अपनी कार में ही सवार रहे।राहुल गांधी ने कहा कि प्रशासन ने हमें कोई कागज नहीं दिखाया लेकिन जाने से रोक दिया गया। इससे पहले प्रियंका गांधी ने पीड़ित परिवार से फोन पर बातचीत भी की और शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी पीड़ितों के साथ खड़ी है।
पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि हमारे नेता मृतकों के परिजनों से मिलकर उन्हें सांत्वना देना चाहते थे लेकिन प्रशासन ने माहौल खराब होने का हवाला दिया। इस वजह से हमने तय कि स्थिति को और बिगड़ने नहीं दिया जाए। अधिकारियों ने स्थिति नियंत्रण में होने पर उन्हें खुद ले जाने का आश्वासन दिया है। सहारनपुर से कांग्रेस नेता इमरान मसूद भी राहुल और प्रियंका के आने की जानकारी पर लिसाड़ी गेट पहुंचे। उन्होंने प्रशासन पर पक्षपात का आरोप लगाया। इमरान मसूद ने कहा कि हम गांधीवादी विचाराधारा के लोग हैं। हम किसी भी तरह की हिंसा के पक्षधर नहीं हैं। हमारे नेता पीड़ित परिवारों से मिलना चाहते थे लेकिन प्रशासन ने अड़ंगा लगा दिया। एडीजी मेरठ प्रशांत कुमार का कहना है कि मेरठ में 144 धारा लागू है, प्रियंका और राहुल को बताया गया कि काफी भीड़ भाड़ वाला इलाका है ऐसे में शांति भंग हुआ तो आपकी जिम्मेदारी होगी जिसके बाद वे परतापुर से वापस दिल्ली लौट गए।