मोदी व यूपी सरकार का रवैया जनरल डायर को भी मात देने वाला, वापस लिए जाएंगे फर्जी मुकदमे -नेता प्रतिपक्ष
लखनऊ : नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने कहा है कि संविधान और लोकतन्त्र की रक्षा के लिए भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार का दमन झेल रहे छात्र, छात्राओं, नवजवानों, मजदूरों, किसानों, अध्यापकों, वकीलों, डॉक्टरों, कवियों, पत्रकारों और सांस्कृतिक कर्मियों को समाजवादी पार्टी संविधान रक्षक सेनानी सम्मान से सम्मानित करेगी। नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने कहा कि इस देश में जन्म लेने वाला हर आदमी हिन्दुस्तान का नागरिक है। नागरिक कानून और नागरिक पंजीकरण बही के नाम पर उसके इस जन्मना अधिकार की पड़ताल केवल उसका नहीं, देश के संविधान और लोकतन्त्र का भी अपमान है। संविधान और लोकतन्त्र के इस अपमान के विरोध में सत्याग्रह करना इस देश के हर नागरिक का मौलिक अधिकार है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस सत्याग्रह को कुचलने के लिए भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार ने जो बर्बर दमनात्मक रवैया अपनाया है, उसकी जितनी भी निंदा की जाए कम है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में जामिया मिल्लिया के छात्रों एवं छात्राओं को जिस तरीके से पीटा गया, जिस तरह से उत्तर प्रदेश में सत्याग्रहियों की गोली मारकर हत्या तक की गई है, वह जनरल डायर को भी मात देने वाला है। रामगोविन्द चौधरी ने कहा है कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव के निर्देश पर 19 दिसम्बर को समाजवादियों ने प्रदेश व्यापी धरना दिया और प्रदर्शन किया।सरकार की तरह तरह की धमकियों के बावजूद समाजवादी सड़क पर उतरे और शांतिपूर्ण तरीके से संविधान और लोकतन्त्र की हत्या का विरोध किए। अब प्रशासन सपा नेताओं को चिन्हित कर तरहतरह के फर्जी मुकदमों में फँसा रहा है। उन्होंने कहा है कि समाजवादी इस उत्पीड़न से डरने वाले नहीं हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने देश के उन सभी छात्रों, नवजवानों और समझदार नागरिकों को बधाई दी है जो संविधान और लोकतन्त्र की हत्या के खिलाफ हुए इस सत्यग्रह में शामिल रहे हैं। उन्होंने कहा है कि ऐसे सभी साथियों पर लगाए गए फर्जी आरोप सपा की सरकार बनने के साथ ही वापस लिए जाएंगे। यही नहीं समाजवादी पार्टी ऐसे सभी साथियों को संविधान रक्षक सम्मान से सम्मानित भी करेगी। उन्होंने कहा है कि ऐसे छात्र एवं छात्राओं के अभिभावकों को भी सम्मानित किया जाएगा जो साजिशन फर्जी मुकदमों में फंसाए गए हैं या पुलिस के बर्बर हमले में जख्मी हैं।