नई दिल्ली : नागरिकता संशोधिन कानून (सीएए) और एनआरसी के विरोध से में राजधानी दिल्ली में गुरुवार को कई जगहों पर लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया और आक्रोश रैली निकाली। इस कड़ी में आज जंतर-मंतर पर समाजवादी पार्टी दिल्ली प्रदेश इकाई के नेता भी शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन के माध्यम से सपा नेताओं ने सीएए को वापस लेने और उत्तर प्रदेश में योगी सरकार को बर्खास्त कर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लाने की मांग की। यह धरना प्रदर्शन सपा दिल्ली प्रदेश इकाई के पूर्व प्रमुख महासचिव एवं पार्टी के प्रवक्ता आरएस यादव के नेतृत्व में किया गया। प्रदर्शन में पार्टी के सदस्यों को संबोधित करते हुए आरएस यादव ने कहा कि नागरिकता कानून और एनआरसी के विरोध में उठने वाली आवाज को पुलिस के द्वारा दमन करने और सरकारी उत्पीड़न के बावजूद लोगों में प्रतिरोध बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम यहां से अपने कार्यकर्ताओं को यह संदेश देने के आए हैं कि देश में शुरु हुए इस अहिंसक आंदोलन को हिंसक न बनने दिया जाए। हम लोगों को अंहिसक तरीके से अपने प्रतिरोध को तेज करना है।
यादव ने कहा कि यह कितना दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि केंद्र में मोदी सरकार बहुमत के आधार पर जनमत की अनदेखी कर रही है। उन्होंने कहा यह सरकार हमारे राष्ट्रपुरुष महात्मा गांधी, लोकनायक जय प्रकाश नारायण और बाबा साहेब अंबेडकर के सपनों के भारत की आत्मा पर प्रहार कर रही है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में इस समय जंगल राज हो गया है। सपा पिछले कई महीनों से यूपी में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग करती आ रही है। इस पूर्व में भी हमारी पार्टी के लोगों यहां पर विरोध प्रदर्शन किया लेकिन इसके बावजूद मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया। यहां तक कि देश के सुप्रीम कोर्ट भी दो बार कह चुकी है कि उत्तर प्रदेश में जंगल राज है। इसके अलावा प्रदेश की पूर्व अध्यक्ष उषा यादव ने भी लोगों को संबोधित किया। धरना प्रदर्शन के बाद आरएस यादव के नेतृत्व में पार्टी के नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति को ज्ञापन भी सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मांग की गई कि केंद्र में भाजपा सरकार को राष्ट्रपति सीएए को वापस लेने का निर्देश दें और यूपी चुनी हुई भाजपा सरकार को बर्खास्त कर राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करें।