लोकबन्धु राजनारायण की पुण्यतिथि पर 31 दिसम्बर से होगी शुरुआत
नागरिकता संशोधन कानून को वापस लेकर भाजपा कम करे पाप- नेता प्रतिपक्ष
लखनऊ : नेता प्रतिपक्ष उत्तर प्रदेश रामगोविन्द चौधरी ने कहा है कि संविधान और लोकतन्त्र की रक्षा के लिए सत्याग्रह कर रहे जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के उन छात्र- छात्राओं और उनके माता पिता व अभिभावकों को अंगवस्त्रम प्रदान कर सम्मानित किया जाएगा जो दिल्ली पुलिस के हमले में गम्भीर रूप से जख्मी हुए हैं या अभियुक्त बनाए गए हैं। उन्होंने कहा है कि इस सम्मान अभियान की शुरुआत लोकबन्धु राजनारायण की पुण्यतिथि 31 दिसम्बर 2019 से प्रारम्भ होगी। बुधवार को जारी एक प्रेसनोट में नेता प्रतिपक्ष उत्तर प्रदेश रामगोविन्द चौधरी ने कहा है कि महात्मा गांधी के सपनों की जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी ने स्वतन्त्रता संग्राम के दौरान भी जयहिन्द बोलते हुए कट्टरता का विरोध किया था। धर्म के आधार पर खड़ा नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में शांतिपूर्ण सत्याग्रह कर जामिया के छात्र एवं छात्राओं ने इस बार भी साबित किया है कि बापू की अहिंसा, बापू का सद्भाव, बापू के राष्ट्रप्रेम और बापू की ईश्वर अल्ला तेरो नाम की भावना जामिया के खून में है।
उन्होंने कहा है कि विपरीत परिस्थितियों में भी जामिया के छात्र और छात्राओं ने अहिंसा के प्रति जो निष्ठा प्रदर्शित की है, उसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है। विशेषकर छात्राओं ने जाति-धर्म, क्षेत्र-भाषा से ऊपर उठकर जिस अदम्य साहस और संघर्ष का परिचय दिया है, उसने 1857 की अंग्रेज़ों के विरुद्ध रानी लक्ष्मीबाई की याद ताज़ा कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी भी चाहे तो उसके पास यह अवसर है कि वह इन छात्र एवं छात्राओं की प्रशंसा करे और नागरिकता संशोधन कानून को वापस लेकर भारतीय गौरव के खिलाफ हुए अपने निर्णय के पाप को कम कर ले।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा है कि खेल जगत में इस तरह का पाप दक्षिण अफ्रीका में था। वहाँ अश्वेत लोग रंग के आधार पर राष्ट्रीय क्रिकेट खेलने के अधिकार से वंचित थे। अपनी रंगभेदी नीति के कारण बेशुमार क्रिकेट प्रतिभाओं के बावजूद दक्षिण अफ्रीका को दुनियां में बहिष्कार झेलना पड़ा जिसे वापस लेकर वह आज फिर क्रिकेट की मुख्यधारा में है। इतिहास की इस घटना से भी भारतीय जनता पार्टी को सबक लेना चाहिए और जितनी जल्द हो सके नागरिकता संशोधन कानून को वापस ले लेना चाहिए। रामगोविन्द चौधरी ने कहा है कि आज जामिया के छात्र छात्राओं के सत्याग्रह के पक्ष देश का हर समझदार छात्र खड़ा है। इसके बाद भी भारतीय जनता पार्टी और उसकी सरकार इस संविधान और लोकतन्त्र विरोधी नागरिकता संशोधन कानून को वापस नहीं लेती है तो हमारे जैसे लोग भी संविधान और लोकतन्त्र की रक्षा के लिए चल रहे छात्र और छात्राओं के इस सत्याग्रह में सीधे भाग लेने के लिए विवश होंगे।