सोनिया के इस बयान पर निर्मला सीतारमण ने पलटवार किया है। वित्तमंत्री सीतारमण ने कहा है कि सोनिया गांधी की राजनीति अवसरवादिता पर केंद्रित है। यह विडंबना है कि सोनिया गांधी संविधान को तोड़ने की बात करतीं हैं जबकि वह स्वयं संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) शासन के दौर में राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (एनएसी) के नाम पर ‘किचन कैबिनेट’ चलाती थीं जिसका कोई संवैधानिक आधार नहीं था। उन्होंने आरोप लगाया कि सोनिया की ‘किचन कैबिनेट’ ने हिंदुओं को निशाना बनाने के लिए सांप्रदायिक हिंसा विधेयक तैयार किया था।
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर निर्मला सीतारमण ने कहा कि सोनिया गांधी ने देश को अशांत करने और हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप जानबूझकर प्रधानमंत्री और गृहमंत्री पर लगाया है। यह गैरजिम्मेदराना बयान है। अगर कांग्रेस जिम्मेदार विपक्ष होती तो वह लोगों से शांति की अपील करती न कि हिंसा को बढ़ावा देती। वित्तमंत्री ने कहा कि कांग्रेस को यह ध्यान रखना चाहिए कि नागरिकता संशोधन विधेयक संसद के दोनों सदनों से पारित हुआ है। उन्होंने सोनिया गांधी से सवाल किया कि क्या यह सच नहीं है कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने वर्ष 2003 में प्रताड़ित अल्पसंख्यकों का मुद्दा उठाकर उन्हें नागरिकता देने की मांग की थी।