गृह विभाग के सचिव भगवान स्वरूप ने बताया कि राज्य अधिकारियों ने पाया कि यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के पूर्व सीईओ पीसी गुप्ता और अन्य अधिकारी मथुरा के सात गांवों की 57.1549 हेक्टेयर जमीन को 85.49 करोड़ रुपये में खरीदने में सीधे तौर पर शामिल थे जिससे प्राधिकरण को 126 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस संदर्भ में सीबीआई जांच कराने के लिए सिफारिश केंद्र सरकार से की है.
ग्रेटर नोएडा पुलिस ने तीन जून को 22 आरोपियों पर दर्ज किया था केस
सरकार का आरोप है कि गुप्ता व अन्य अधिकारियों ने अपने रिश्तेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए संगठित तरीके से जमीन खरीद घोटाले को अंजाम दिया था. ग्रेटर नोएडा पुलिस ने इस मामले में तीन जून को 22 आरोपियों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में पहले ही तीन मौजूदा और पूर्व नौकरशाहों के नाम जोड़ दिये हैं. इस मामले में 22 जून को गुप्ता को गिरफ्तार किया गया था.