समाज को बांटने वाला है नागरिकता संशोधन विधेयक, ध्यान मोड़ने की हो रही राजनीति – कमल नाथ

राहुल गांधी के बयान के बाद संसद में हंगामे पर बोले, भाजपा को पीएम मोदी के बयान पर भी गौर करना चाहिए

नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन विधेयक का इस्तेमाल देश के नागरिकों का ध्यान मुख्य मुद्दों से भटकाने के लिए किया जा रहा है। यह विधेयक देश के लोगों को आपस में बांटने का काम करेगा। हालांकि इस पर जो पार्टी का रूख है वो ही मेरा रूख है। यह बातें मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कही। प्रदेश सरकार के एक साल पूरा होने के मौके पर शुक्रवार को इंडियन वुमेन प्रेस कॉर्प में महिला पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले पांच सालों में देश में  जिस तरह से लोगों को बांटने का काम किया जा रहा है वैसा पहले कभी नहीं हुआ। देश की प्रकृति से खिलवाड़ हो रहा है। देश में बढ़ती बेरोजगारी और आर्थिक मंदी से लोगों का ध्यान भटकाने का काम किया जा रहा है।  उन्होंने कहा कि देश एक चुनौतीपूर्ण समय से गुजर रहा है लेकिन हर तरह के समय की तरह यह समय भी गुजर जाएगा।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि राहुल गांधी के बयान पर हंगामा करने वाले भाजपा को पहले नरेन्द्र मोदी के भाषण को भी सुने जिसमें उन्होंने दिल्ली को रेप कैपिटल कहा था, जिससे विदेशों में नाम खराब होने की बात भी कही थी। ऐसे में राहुल गांधी के बयान पर भाजपा का शोर मचाना सही नही है। आर्थिक मोर्चे पर टिप्पणी करते हुए कमल नाथ ने कहा कि बैंक अब निजी लोगों को लोन देने से घबराने लगे हैं। बैंक के अधिकारियों को अपने रिटायरमेंट के बाद सीवीसी और सीबीआई जांच का डर लगा रहता है। इस डर के माहौल में सरकारी अधिकारी काम कैसे करेंगे?

महिला सुरक्षा के सवाल पर कमल नाथ ने कहा कि मध्यप्रदेश को माफिया मुक्त प्रदेश बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है। इसके साथ ही महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वहां सभी महिलाओं को पैनिक बटन वाले मोबाइल का वितरण किया जाएगा। इस दिशा में टेंडर प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। कमल नाथ ने कहा कि देश में किसानों के हितों के लिए मध्यप्रदेश सरकार कल से कर्ज माफी का दूसरा चरण शुरू करने जा रही है। जयकिसान ऋणमुक्ति योजना के पहले चरण में 20 लाख चालीस हजार किसानों का 50 हजार रूपए तक का कर्ज माफ किया जा चुका है। प्रदेश में करीब 52-53 लाख किसान हैं। इनमें से कुछ किसान योजना के नियमों पर खरे नहीं उतरते। दूसरे चरण में किसानों के 50 हजार से एक लाख रूपये तक के कर्ज माफ करने जा रहे हैं।

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