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उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा, “13 दिसंबर, 2001 को हमारी संसद पर हुए आतंकवादी हमले को विफल कर लोकतंत्र की रक्षा में सर्वोच्च बलिदान देने वाले हमारे सुरक्षा बलों के अमर शहीदों को सादर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और उनके परिजनों के प्रति कृतज्ञतापूर्वक संवेदना व्यक्त करता हूं। उन्होंने कहा कि अमर बलिदानियों का त्याग हमें स्मरण कराता है कि लोकतंत्र और नागरिक अधिकारों के लिए आतंकवाद सबसे बड़ा खतरा है।”
उल्लेखनीय है कि 18 साल पहले आज ही के दिन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के पांच हथियारबंद आतंकवादी संसद परिसर में घुस आये थे। आतंकवादियों ने परिसर में अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी थी, जिसमें वहां सुरक्षा में तैनात नौ लोग शहीद हो गए। पीड़ितों में दिल्ली पुलिस के पांच जवान, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की एक महिला जवान, संसद भवन के सुरक्षा गार्ड और एक माली थे। हालांकि जवानों ने सभी पांचों आतंकवादियों को भी ढेर कर दिया था।