लखनऊ : राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ.मसूद अहमद ने गुरुवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नागरिकता संशोधन विधेयक से वोटों के ध्रुवीकरण की राजनीति कर रही है। यह विधेयक देश के संविधान की आत्मा के साथ खिलवाड़ है। डॉ.मसूद अहमद ने कहा कि भारतीय नागरिकता अधिनियम 1955 को संशोधित करने के लिए संसद के दोनों सदनों में नागरिकता संशोधन बिल को पारित करवा कर भाजपा ने संविधान की आत्मा के साथ खिलवाड़ किया है। उन्होंने कहा कि यह बिल राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के इशारे पर लाया गया था। इस विधेयक के द्वारा भाजपा अब पूरे देश में आने वाले चुनावों में वोटों के ध्रुवीकरण की राजनीति करेगी जो बहुत भयावह हो सकती है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि संसद द्वारा पारित विधेयक पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना और सावरकर के द्विराष्ट्रवाद का भाग-02 है। यह भारत के मुस्लिम समुदाय को दोयम दर्जे का नागरिक बनाने के लिए संविधान की आत्मा के साथ किया गया खिलवाड़ है। उन्होंने कहा कि इस विधेयक से संविधान के अनुच्छेद 14 के अधिकारों का हनन होगा। केन्द्र की भाजपा सरकार द्वारा देश में धर्म और जाति के आधार पर लिये जा रहे निर्णयों से धर्म निरपेक्ष लोकतांत्रिक ढांचा चरमरा जाएगा। भाजपा देश के मुसलमानों को डराने का घिनौना षड्यंत्र कर रही है अब ऐसा लगने लगा है। उन्होंने कहा कि सत्ता के बल पर देश में हिटलरवाद को स्थापित किया जा रहा है लेकिन संविधान एवं धर्म निरपेक्षता के आईने में धर्म निरपेक्ष हिन्दू समुदाय इसको स्वीकार नहीं करेगा।
डॉ. मसूद अहमद ने कहा कि हम देश में घुसपैठियों को संरक्षण देने के समर्थन में नहीं है, लेकिन धर्म के आधार पर पारित संशोधन हमारे धर्म निरपेक्ष संविधान की आत्मा तथा भारत की सभ्यता व संस्कृति पर गम्भीर हमला है। हमारे देश में धर्म आधारित राजनीति का राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने विरोध किया था। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार हिन्दू -मुसलमानों में भाईचारा तोड़ने और मुसलमानों को अलग-थलग करने के साथ वास्तविक मुद्दों से जनता का ध्यान भटका रही है। केन्द्र सरकार महिला सुरक्षा, महंगाई, बेरोजगारी और अपराध नियंत्रण में पूरी तरह असफल रही है। इसलिए अब संकीर्ण राजनीति पर उतर आयी है। देश में शोषित, पीड़ित,वंचित किसान मजदूर त्राहि -त्राहि कर रहा है जबकि केन्द्र सरकार धर्म आधारित नफरत का घृणित खेल खेलने पर अमादा है।