लुधियाना : पंजाब कृषि विश्वविद्यालय ने गन्ने के रस को बोतलबंद करने की तकनीक को लेकर हिसार की कावेरी पावर इंडस्ट्रीज के साथ मंगलवार को एक करार किया है। इस मौके पर पीएयू के निर्देशक खोज डाक्टर नवतेज सिंह व कावेरी पावर इंडस्ट्रीज के कुलवीर सिंह मौजूद थे। इस करार के तहत कंपनी को पूरे भारत में गन्ने के रस को बोतलबंद करने की तकनीक के प्रसार के लिए अधिकार दिए गए हैं। इस मौके पर भोजन विज्ञान व टेक्नोलोजी विभाग के प्रमुख डाक्टर पूनम सचदेव ने बताया कि इस तकनीक से गन्ने के रस को देर तक रखने के लिए लिए व सूक्ष्म जीवों से बचाने के लिए खास तरीके से प्रोसेस किया जाता है।
निदेशक (शोध) डाक्टर नवतेज सिंह बैंस ने बताया कि पीएयू की तरफ से विकसित की गई तकनीक बिल्कुल कुदरती व सेहतमंद है। अब तक गन्ने के रस को बोतलबंद करने की तकनीक को लेकर चार समझौते अलग अलग फर्मो के साथ किए गए हैं। पीएयू ने अब तक 52 तकनीकों के व्यापारीकरण के लिए 217 करार किया है। इनमें पीएयू सुपर एसएमएस तकनीक के अलावा हाईब्रीड लाइन, मिर्चा, बैंगन की किस्मों के बिना जैविक खादें, पत्ता रंग चार्ट, पानी जांच करने की किट, गनने की रस की पैकिंग तकनीक, धान की पराली संभाल के लिए कटर कम मल्चर व अन्य तकनीकें शामिल हैं।