भारत बुधवार को आसमान में अपने एक नए उपग्रह रीसैट-2बीआर1 को लॉन्च करने वाला है। यह उपग्रह भारतीय सीमाओं की सुरक्षा के लिहाज से बेहद खास है। यही वजह है कि इसको भारत का खुफिया उपग्रह कहा जा रहा है। इस उपग्रह की एक नहीं बल्कि कई खासियत हैं। आगे बढ़ने से पहले आपको इसरो की इस लॉन्चिंग से जुड़ी कुछ दूसरी अहम बातें बता देते हैं।
कुल दस उपग्रह स्थापित करेगा ISRO
इसरो आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से रीसैट-2बीआर1 सैटेलाइट के साथ कुल दस उपग्रह पृथ्वी की कक्षा से दूर स्थापित करेगा। इसमें अमेरिका के 6, इजरायल, जापान और इटली के भी एक-एक उपग्रह है। इसरो इन सभी उपग्रहों को अपने शक्तिशाली रॉकेट पीएसएलवी-सी48 क्यूएल के जरिए दोपहर 3.25 को लॉन्च करेगा। इस रॉकेट के लॉन्च होने के करीब 21 मिनट बाद इसरो सभी 10 उपग्रहों को उनकी निर्धारित कक्षाओं में स्थापित कर देगा। इसकी लॉन्चिंग की तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है। इस लॉन्चिंग से जुड़ी दूसरी खास बात ये भी है कि इस लॉन्चिंग को खासतौर पर बनाए गए स्टेडियम से पांच हजार लोग देख सकेंगे।
रीसैट-2बीआर1 सैटेलाइट
अब आपको भारत के खुफिया उपग्रह के बारे में जानकारी दे देते हैं। आपको बता दें कि रीसैट-2बीआर1 सैटेलाइट के पृथ्वी की कक्षा में स्थापित होने के बाद भारत की राडार इमेजिंग ताकत कई गुना बढ़ जाएगी। स्थापित होने के साथ ही यह उपग्रह काम करना शुरू कर देगा। कुछ देर बाद ही इससे तस्वीरें मिलनी शुरू हो जाएंगी। इसके साथ ही भारतीय सीमाओं की निगरानी करना और उनकी सुरक्षा को अभेद्य बनाने की प्लानिंग का काम भी बेहद मजबूती से किया जा सकेगा। इस उपग्रह की सबसे बड़ी खासियत यही है कि इसकी निगाह से दुश्मन बच नहीं सकेगा।
किसी भी मौसम में बेहद साफ चित्र
आपको यहां पर ये भी बता दें कि यह उपग्रह किसी भी मौसम में बेहद साफ चित्र ले सकेगा। इतना ही नहीं बादलों की मौजूदगी में भी दुश्मन की गतिविधियां इसकी पैनी नजरों से बच नहीं सकेंगी। इसरो द्वारा बनाई गई इस सैटेलाइट की कृषि, जंगल और आपदाओं के दौरान भी भरपूर मदद मिल सकेगी। रीसैट-2बीआर1 उपग्रह 628 किलोग्राम वजनी है। इसको पृथ्वी की कक्षा से 576 किलोमीटर ऊपर स्थापित किया जाएगा।
डिफेंस इंटेलिजेंस सेंसर
26/11 मुंबई हमले के बाद रीसैट-2 सैटेलाइट को भारत ने लॉन्च किया था। सीमाओं की रक्षा खासतौर पर समुद्री सीमाओं की निगरानी में इस सैटेलाइट ने काफी सराहनीय काम किया है। इसकी वजह से सीमाओं की फास्ट ट्रैक मॉनिटरिंग करना संभव हो पाया था। इससे पहले लॉन्च किए गए रीसैट-1 सैटेलाइट की सीमाएं काफी हद तक सीमित थीं। रीसैट 2बीआर1 में लगने वाले डिफेंस इंटेलिजेंस सेंसर को भारत में ही बनाया गया है। इसमें मौजूद एक्स बैंड एसएआर कैपेबिलिटी की वजह से ही यह उपग्रह हर मौसम में साफ तस्वीरें ले सकेगा। फिर चाहे रात का अंधियारा ही क्यों न हो।
आतंकी जमावड़े की मिलेगी सही जानकारी
इस सैटेलाइट से किसी भी खास इलाके की बेहद साफ तस्वीरें ली जा सकेंगी। करीब सौ किमी के इलाके की यह तस्वीरें लेकर जमीन पर भेजेगा जहां पर इन तस्वीरों का विश्लेषण किया जा सकेगा। इसको खासतौर पर सीमाओं पर खासतौर पर पाकिस्तान की तरफ से होने वाली घुसपैठ को रोकने के लिए तैयार किया गया है। यह उपग्रह भारतीय सीमा के पार हो रहे आतंकी जमावड़े की भी सही जानकारी देने में सहायक साबित होगा। पीएसएलवी का यह 50वां लॉन्च है।