थाई राजकुमारी की भारत यात्रा से और प्रगाढ़ होंगे संबंध
कुशीनगर : इंडो-थाई के मध्य व्यापार को और विकसित करने के लिए दोनों देश समुद्र के रास्ते से भी जुड़ेंगे। थाईलैंड के रानोंग बंदरगाह व भारत के चेन्नई व अंडमान बन्दरगाह को समुद्र मार्ग से जोड़ने की योजना पर दोनों देश कार्य कर रहे हैं। नई दिल्ली स्थित थाईलैंड के राजदूत शूतिनथोन खोंगसक ने मंगलवार को कुशीनगर में पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी। राजदूत थाई राजकुमारी के फरवरी 2020 में कुशीनगर आगमन के मद्देनजर तैयारियों का जायजा लेने आए हुए हैं। थाई राजदूत ने बताया कि भारत और थाईलैंड पहले से ही वायुसेवा से जुड़े हुए हैं। दोनों देशों के मध्य सड़क निर्माण का कार्य तेजी से पूर्ण होने की कगार पर है। वायु, सड़क व समुद्र परिवहन की सेवाएं जब एक साथ परिचालन में आएंगी, तब उद्योग व्यापार के क्षेत्र में भारत-म्यांमार का विश्व में दखल बढ़ेगा।
थाईलैंड ट्राइलैटरल हाई-वे की प्रगति की जानकारी देते हुए राजदूत ने बताया कि भारत के सहयोग से निर्माण चल रहा है। ट्राइलैटरल हाइवे से वियतनाम को भी जोड़ने की योजना है। 1400 किमी ट्राइलैटरल हाइवे का निर्माण भारत के सहयोग से 2016 से निर्माणाधीन है। यह भारत के मोरे से म्यांमार के तामूर नगर होते हुए थाईलैंड के मेई सेत जिले के ताक तक जाएगा। यह भारत को जमीन के रास्ते दक्षिण-पूर्व एशिया से जोड़ने की योजना है। इन परियोजनाओं के पूर्ण हो जाने के बाद पर्यटन, व्यापार में बढ़ोत्तरी के साथ-साथ सम्बंधित देशों के मध्य मैत्री सम्बंध और गहरे होंगे। राजदूत बोले कि कंबोडिया, लाओस व मलेशिया से थाईलैंड का सर्वाधिक बॉर्डर ट्रेड है। सड़क मार्ग से जुड़ जाने से भारत से भी बॉर्डर ट्रेड बढ़ जाएगा। राजदूत बोले कि आसियान देशों को भी सड़क व वायुमार्ग से जोड़ने की योजना है। राजदूत ने विश्वास जताया कि थाई राजकुमारी की भारत भ्रमण यात्रा से हजारों वर्ष से चले आ रहे भारत-थाई सम्बंध और प्रगाढ़ होंगे।