याचिका में कहा गया है कि किसी भी चुनाव के 48 घंटे पहले पेड न्यूज और राजनीतिक विज्ञापनों के प्रसारण को भष्ट आचरण घोषित किया जाना चाहिए। याचिका में कहा गया है कि साढ़े तीन करोड़ ट्विटर हैंडल में से दस फीसदी डुप्लीकेट हैं। इन डुप्लीटेक ट्विटर अकाउंट में मुख्यमंत्रियों, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री सहित सैकड़ों नामचीन व्यक्तियों के नाम शामिल हैं। पिछले 14 अक्टूबर को अश्विनी उपाध्याय की ऐसी ही याचिका पर सुनवाई करने से सुप्रीम कोर्ट ने इंकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट कोर्ट ने अश्विनी उपाध्याय से कहा था कि ऐसी याचिका मद्रास हाईकोर्ट में पहले से लंबित है। अगर वह चाहें तो इसी विषय पर हाईकोर्ट में पहले से लंबित सुनवाई में अर्जी दाखिल कर सकते हैं।
Social Media प्रोफाइल को आधार से लिंक करने संबंधी याचिका पर आदेश जारी करने से हाईकोर्ट का इंकार
नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने सोशल मीडिया प्रोफाइल को आधार से लिंक करने की मांग करने वाली याचिका पर कोई भी आदेश जारी करने से इंकार कर दिया है। चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिकाकर्ता और भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय की याचिका पर कोई भी आदेश देने से इंकार कर दिया। पिछले 24 अक्टूबर को कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा था कि वे वेरीफाई कर यह बताएं कि सुप्रीम कोर्ट भी इसी मसले पर तो सुनवाई नहीं कर रहा है ताकि ओवरलैपिंग न हो। याचिका में कहा गया है कि फर्जी अकाउंट को सोशल मीडिया से हटाया जाना चाहिए। इसके लिए ट्विटर और फेसबुक आदि के अकाउंट्स को आधार से जोड़ने का दिशा-निर्देश जारी करना चाहिए। याचिका में कहा गया है कि निर्वाचन आयोग और भारतीय प्रेस परिषद को फेक न्यूज और पेड न्यूज के मामलों में उचित कदम उठाने का दिशा-निर्देश दिया जाना चाहिए।