फिल्म निर्देशक आशुतोष गोवारिकर की मैग्नम ओपस फिल्म ‘पानीपत’ इस शुक्रवार को रिलीज हुई हैं। अब एक तरफ जहां कुछ लोग फिल्म को पसंद कर रहे हैं, वहीं कुछ लोग इसकी लंबाई की आलोचना कर रहे हैं लेकिन इसी बीच राजस्थान के दर्शक फिल्म का विरोध कर रहे हैं। खबरों की मानें तो फिल्म को राजस्थान के कुछ हिस्सों में विरोध का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि फिल्म भरतपुर के जाटों को पसंद नहीं आई हैं।
फिल्म में महाराजा सूरजमल को गलत ढंग से प्रदर्शित करने के कारण विरोध किया जा रहा है। फिल्म में महाराजा सूरजमल को हमलावर अफगानों के खिलाफ मराठों की मदद के बदले में कुछ चाहिए था और जब उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो उन्होंने सदाशिव को लड़ाई में साथ देने से इनकार कर दिया।
इसके चलते लोगों में इतना रोष है कि स्थानीय लोग विरोध में आशुतोष का पुतला जला रहे हैं और यहीं नहीं फिल्म में स्थानीय लोगों को राजस्थानी और हरियाणवी बोलते हुए दिखाया गया हैl जबकि यह कहा जाता है कि तब स्थानीय लोगों द्वारा ब्रज भाषा बोली जाती थी। यह तथ्यात्मक गलती के भी कारण विरोध किया जा रहा है।
इससे पहले कृति सनन के डायलॉग, ‘मैने सूना है पेशवा जब अकेले मुहिम पर जाते है तो अपने साथ एक मस्तानी लेकर आते हैं।’ भी दर्शकों को अच्छा नहीं लगा हैं। फिल्म पानीपत, पानीपत की तीसरी लड़ाई पर आधारित फिल्म हैंl इस फिल्म में अर्जुन कपूर, संजय दत्त और कृति सनन की अहम भूमिका हैंl इस फिल्म में अर्जुन कपूर ने सदाशिव राव भाऊ और संजय दत्त ने अहमद शाह अब्दाली की भूमिका निभाई हैंl
इस फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर स्लो ओपनिंग लगी हैंl सभी इस फिल्म को लेकर बहुत उत्साहित थे और फिल्म का प्रचार भी जमकर किया था लेकिन इसके बाद भी फिल्म बॉक्स ऑफिस पर अभी तक कमाई के मामले में आगे नहीं आ रही हैंl