दिल्ली के फ़िल्मिस्तान इलाके में रानी झांसी रोड के पास अनाज मंडी में रविवार तड़के भीषण आग लग गई। ताजा जानकारी के मुताबिक आग में झुलसने से अब तक 45 लोगों की मौत हो चुकी है। गंभीर रूप से झुलसे लोगों को दिल्ली के लेडी हार्डिंग, सफदरजंग और एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
इस भीषण अग्निकांड मामले में सदर बाजार थाना पुलिस ने लापरवाही का मुकदमा दर्ज किया है। यह केस फैक्ट्री मालिक रिहान के खिलाफ दर्ज किया गया है। जांच केस क्राइम ब्रांच को सौंपी गई है। फैक्ट्री मालिक रिहान को पुलिस ने हिरासत में लिया है। इसके अलावा रिहान का पिता रहीम भी पुलिस के कब्जे में है।
उधर, दिल्ली सरकार ने घटना की मजिस्ट्रेट से जांच के आदेश दिए हैं। पूर्वी जिले के जिलाधिकारी अरुण कुमार मिश्रा इस मामले की जांच करेंगे। वहीं घायलों को देखने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन लोक नायक अस्पताल पहुंचे।
मृतकों के परिजनों को मिलेगा 17-17 लाख मुआवजा
इस अग्निकांड में मारे गए मृतकों के परिजनों को दिल्ली सरकार, केंद्र सरकार और दिल्ली भाजपा की तरफ से कुल 17-17 लाख मुआवजा दिया जाएगा। जबकि घायलों को 75-75 हजार आर्थिक मदद दिया जाएगा। इन आर्थिक मदद में 10-10 लाख मुआवजा दिल्ली सरकार मृतकों के परिजनों को देगी। जबकि 5-5 लाख आर्थिक मदद दिल्ली भाजपा मृतकों के परिजनों को देगी। इसके अलावा 2-2 लाख आर्थिक मदद प्रधानमंत्री राहत कोष से दिया जाएगा।
गंभीर रूप से घायलों को दिल्ली सरकार एक-एक लाख, प्रधानमंत्री राहत कोष से 50-50 हजार और भाजपा 25-25 हजार आर्थिक मदद देगी।
बिहार सरकार भी देगी मुआवजा
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इस अग्निकांड में मार गए बिहार के लोगों को दो-दो लाख मुआवजा देने का एलान किया है। घटना के प्रति शोक जताते हुए उन्होंने कहा कि बिहार के जितने लोग इस हादसे में मारे गए हैं उनके नजदीकी परिजनों को आर्थिक मदद की जाएगी। बिहार के जितने लोग इस घटना में मरे हैं उनके परिजनों को केंद्र, दिल्ली सरकार, दिल्ली भाजपा और बिहार सरकार के कुल मुआवजा को मिलाकर 19-19 लाख रुपये मिलेगा।
घायल ने बताया आंखों देखा हाल
आग में झुलसे मोहम्मद मुकीम ने बताया कि वे तीसरी मंजिल पर सो रहे थे। सुबह 6 बजे आंख खुली तो पाया कि आग लगी है। वह सीढ़ियों की ओर दौड़े। उसमें भी आग लगी थी तो झुलसकर जान बचाई। मोहम्मद मुकीम मूलरूप से बिहार के मधुबनी जिले के गांव मलमल के रहने वाले हैं। वह 10 साल से काम कर रहे थे।
कंपनी में काम रहे थे बड़ी संख्या में लोग
बताया जा रहा है कि जहां पर आग लगी वहां पर तीन मंजिला एक ही कंपनी में सैकड़ों लोग काम कर रहे थे। कंपनी में अलग-अलग फ्लोर पर तीन कंपनियां संचालित हो रही थीं। बताया जा रहा है कि फैक्ट्री 600 गज की है। इसमें कपड़े, गत्ते और प्लास्टिक बैग बनाए जाते थे। इसके अलावा यहां पर प्लास्टिक के सामान भी बनाए जाते थे।
यहां पर 400 लोग काम करते थे। जानकारी के मुताबिक काफी लोग कंपनी में ही रहते थे। और रात में रहते भी थे। ज्यादातर लोग घटना के वक्त सो रहे थे। बताया जा रहा है कि फैक्ट्री तीन सगे भाइयों की है। रिहान, शान और इमरान इनके नाम बताए जा रहे हैं। तीनों भाई बाडा हिंदू राव में रहते है। आग रिहान की फैक्ट्री में लगी थी।