हैदराबाद में महिला वेटनरी डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या के मामले में तेलंगाना के एक वरिष्ठ मंत्री ने बड़ा बयान दिया है। राज्य के पशुपालन मंत्री तलासानी श्रीनिवास यादव ने चारों आरोपियों के एनकाउंटर को सही ठहराते हुए कहा कि कोई भी इस तरह का क्रूर अपराध करता है, वह पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने की उम्मीद कर सकता है। उन्होंने कहा कि यह एक सबक है। यादव ने एक स्थानीय टेलीविजन चैनल में कहा कि यदि आपका आचरण गलत है, तो आप किसी भी अदालती मुकदमे, जेल की सजा या बाद की जमानत से लाभान्वित नहीं होंगे। ऐसा कुछ भी नहीं होगा।
हालांकि, न्यायपालिका के अधिकारियों और मानवाधिकार समूहों ने पुलिस एनकाउंटर की निंदा की है। मगर, यादव ने अभियुक्तों की हत्या पर कहा कि राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति को सुधारने के लिए के चंद्रशेखर राव की प्रतिबद्धता का यह एक उदाहरण है। उन्होंने कहा कि यह एक बहुत ही मजबूत संदेश है, जो हमने दिया है। यह आदर्श है, जिसे हमने देश के लिए निर्धारित किया है। हम न केवल अपनी कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से, बल्कि कानून-व्यवस्था के मुद्दों से निपटने के माध्यम से भी एक मॉडल स्थापित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस संबंध में मुख्यमंत्री पर उंगली उठाने से कोई फायदा नहीं होगा क्योंकि कई ऐसे हैं, जो उनका समर्थन करते हैं।
पीड़ित परिवार से मिलने नहीं जाने या दुष्कर्म और हत्या के मामले पर बयान जारी नहीं करने के लिए राव को आलोचना का सामना करना पड़ा था। तेलंगाना के परिवहन मंत्री पी. अजय कुमार ने भी शुक्रवार को एक ऐसा ही दावा करते हुए कहा था कि राज्य ने खुद को “त्वरित न्याय” देने का रोल मॉडल बनाया है। मंत्री ने पत्रकारों से कहा था कि हमने दिखाया है कि अगर कोई हमारी बेटियों पर बुरी नजर डालता है, तो हम उसकी आंखें नोंच लेंगे। मुठभेड़ से पीड़िता के परिवार को शांति मिलेगी।
बताते चलें कि भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने एक दिन पहले ही इस असाधारण हत्या की प्रथा की निंदा की थी। उन्होंने कहा कि न्याय बदला लेने के समय अपने चरित्र को खो देता है। मेरा मानना है कि न्याय का चरित्र खत्म हो जाता है, यदि यह एक बदला बन जाता है। शमशाबाद में 27 नवंबर को महिला पशु चिकित्सक के साथ किए गए बर्बर अपराध में शामिल चारों आरोपियों के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने को लेकर लोगों की राय बंटी हुई है। कई लोगों ने दावा किया है कि मुठभेड़ यौन अपराधियों को एक मजबूत संदेश देगी। वहीं, अन्य लोगों ने निंदा की है कि अभियुक्तों को अदालत में अपनी बेगुनाही साबित करने का मौका दिए बिना मार दिया गया। हालांकि, साइबराबाद के कमिश्नर वीसी सज्जनर ने मीडिया को बताया कि पत्थर और लाठी से हमला करने के बाद पुलिस ने चारों अपराधियों को मार गिराया था क्योंकि वे भागने की फिराक में थे।