चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जोहानिसबर्ग में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात होगी. इस दौरान दोनों नेताओं के बीच अमेरिकी व्यापार संरक्षणवाद और साझा हित के अन्य मुद्दों पर चर्चा की उम्मीद है.
ब्रिक्स बैठक के पहले दिन चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सदस्य देशों से कहा कि वह अमेरिका द्वारा शुरू किए गए ट्रेड वॉर के पक्ष में न खड़े हों क्योंकि संरक्षणवाद किसी तरह से वैश्विक कारोबार के हित में नहीं है.
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी की 26-27 जुलाई को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान अलग से बैठक होगी. पिछले तीन महीनों में दोनों नेताओं की यह तीसरी मुलाकात होगी. जानकारों का मानना है कि इस मुलाकात के दौरान भारत और चीन अमेरिका की संरक्षणवाद की नीति के विकल्प के तौर पर आगे बढ़ने के प्रयासों को तेज करने की कवायद के साथ-साथ ब्रिक्स सदस्य देशों को साथ में लेकर चलने की कोशिश करेंगे.
इससे पहले अप्रैल में चीनी शहर वुहान में दोनों नेताओं की दो दिवसीय अनौपचारिक बैठक हुई थी. वह बैठक डोकलाम गतिरोध के बाद द्विपक्षीय संबंधों को फिर से पटरी पर लाने तथा प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर चर्चा के इरादे से हुई थी.
इसके अलावा दोनों नेताओं की जून में चीन के क्विंगदाओ में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात हुई थी.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने बताया, ‘‘ राष्ट्रपति शी जिनपिंग तथा प्रधानमंत्री मोदी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान कई दौर की मुलाकात करेंगे…. शिखर सम्मेलन के दौरान शी भारत और अन्य देशों के नेताओं के साथ भी बैठक करेंगे. ’’
गौरतलब है कि मुलाकात के एजेंडे पर उठे सवाल पर कि क्या मोदी और शी की बैठक में अमेरिका के साथ मौजूदा व्यापार युद्ध पर चर्चा होगी, प्रवक्ता ने कहा था, ‘‘ वे अंतरराष्ट्रीय मुद्दों , ब्रिक्स सहयोग तथा द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे. जहां तक अमेरिकी व्यापार संरक्षणवाद का सवाल है, इस पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने व्यापक चिंता जतायी है. ’’
चुनयिंग ने कहा, ‘‘ चीन और भारत बहुपक्षवाद और मुक्त व्यापार तथा खुली अर्थव्यवस्था के पैरोकार हैं … मुझे लगता है कि दोनों नेता इस मुद्दे समेत साझा हितों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करेंगे.’’