कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने संसदीय क्षेत्र गुना में चार लेन राजमार्ग के शिलान्यास समारोह में अपने बहिष्कार पर मौन तोड़ते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को निशाने पर लिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री और कलेक्टर के खिलाफ लोकसभा अध्यक्ष को विशेषाधिकार हनन का नोटिस सौंपा है। दरअसल, क्षेत्रीय सांसद होने के नाते प्रोटोकॉल के तहत कार्यक्रम में ज्योतिरादित्य सिंधिया को बुलाया जाना था लेकिन कार्ड पर उनका नाम तक नहीं था।
सिंधिया का ट्वीट
इसको लेकर सिंधिया ने ट्वीट भी किया। उन्होंने लिखा, ‘शिवराज सरकार और उनकी मशीनरी ने जिस तरह से प्रोटोकॉल को तोड़ते हुए निर्वाचित प्रतिनिधियों को अपमानित कर देवास-शिवपुरी राष्ट्रीय राजमार्ग का शिलान्यास किया है, वो बेहद शर्मनाक है।’
कलेक्टर के बयान को कांग्रेस ने झूठा बताया
हालांकि सिंधिया के इन आरोपों के बीच गुना के कलेक्टर का कुछ और ही कहना है। उन्होंने कहा था कि कार्यक्रम में सिंधिया को बुलाया जाना था। उनसे फोन पर संपर्क करने की कोशिश भी की गई, लेकिन अविश्वास प्रस्ताव में व्यस्त होने के कारण उनसे संपर्क नहीं हो पाया। बाद में निजी सचिव ने भी असमर्थता जताई। हालांकि कलेक्टर के इस बयान को कांग्रेस ने झूठा बताया है। कांग्रेस का कहना है कि सिंधिया से किसी अधिकारी ने बात नहीं की। प्रोटोकॉल के तहत कार्ड पर ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम होना चाहिए।
हालांकि भाजपा आरोप लगा रही है कि सिंधिया इस मामले को राजनीति रंग दे रहे हैं।
23 जुलाई को गुना में था कार्यक्रम
मध्य प्रदेश सरकार ने देवास-शिवपुरी चार लेन के राजमार्ग के नींव रखने के समारोह के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग नितिन गडकरी के केंद्रीय मंत्री की उपस्थिति में 23 जुलाई को गुना में एक समारोह आयोजित किया था। जिसको लेकर कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सिंधिया का नाम आमंत्रण पत्र से गायब था और समारोह के लिए उनसे संपर्क नहीं किया गया था। ऐसा भी कहा गया है कि पार्टी के विधायक महेंद्र सिंह सिसोदिया को कथित तौर पर सुरक्षा कर्मियों ने मंच से हटा दिया था जब उन्होंने सिंधिया की अनुपस्थिति पर विरोध किया था।