सऊदी अरब की सरकारी पेट्रोलियम कंपनी सऊदी अरामको ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आइपीओ) लांच किया और सूत्रों के मुताबिक कंपनी ने प्राइस रेंज के ऊपरी स्तर पर 2,560 करोड़ डॉलर (करीब 1.80 लाख करोड़ रुपये) जुटाए हैं। इस रकम के लिहाज से अरामको आइपीओ के माध्यम से सबसे ज्यादा रकम जुटाने वाली कंपनी बन गई है। इससे पहले यह रिकॉर्ड चीन की ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा के नाम था, जिसने 2014 में आइपीओ के जरिए 2,500 करोड़ डॉलर जुटाए थे।
सूत्रों ने बताया कि रियाद स्टॉक एक्सचेंज में अरामको के शेयर 32 रियाल के शुरुआती मूल्य पर बेचे जाएंगे। इस हिसाब से कंपनी का बाजार मूल्य 1.7 लाख करोड़ डॉलर (करीब 121 लाख करोड़ रुपये) होती है। इस हिसाब से यह दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी बन गई है। सूत्रों ने यह भी बताया है कि कंपनी 15 फीसदी ग्रीनशू विकल्प पर भी विचार कर सकती है। इससे आइपीओ का आकार बढ़कर 2,940 करोड़ डॉलर तक हो सकता है।
विदेशी बाजारों में नहीं होगी लिस्टिंग
पहले अनुमान लगाया जा रहा था कि सऊदी अरामको के आइपीओ दो स्टॉक एक्सचेंजं पर सूचीबद्ध होंगे। चूंकि पहले कंपनी पांच फीसद शेयरों की बिक्री आइपीओ के जरिये करने वाली थी, लिहाजा उस वक्त दो प्रतिशत शेयर सऊदी अरब के तडावुल शेयर बाजार और बाकी तीन प्रतिशत शेयर एक विदेशी स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होने वाले थे। लेकिन, बाद में कंपनी ने स्पष्ट कर दिया कि उसकी योजना अंतराष्ट्रीय बाजार में शेयर लिस्ट कराने की नहीं है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज से डील की बात
एशिया के सबसे बड़े धनकुबेर मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज की सऊदी अरामको के साथ हिस्सेदारी बिक्री को लेकर बातचीत चल रही है। रिलायंस की 42वीं एजीएम में यह साफ किया गया था कि अरामको रिलायंस इंडस्ट्रीज के ऑयल-टु-केमिकल बिजनेस का 20 फीसदी हिस्सा खरीदेगी। इसके लिए सऊदी अरामको 15 अरब डॉलर का निवेश करेगी, जो प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) के मामले में अब तक का सबसे बड़ा निवेश होगा। हिस्सेदारी खरीदने के बाद रिलायंस रिफाइनरी को अरामको रोजाना पांच लाख बैरल कच्चे तेल की सप्लाई करेगी।