विवि को लगाई कड़ी फटकार, कहा- बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं
लखनऊ : एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी के आदेश को उच्च न्यायालय ने खारिज किया और 306 बच्चों के भविष्य को सुरक्षित किया। मामला अगस्त का है जब एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी ने विभिन्न कॉलेजों में पढ़ रहे बीटेक व बीआर्क के द्वितीय तृतीय और चतुर्थ वर्ष के 306 बच्चों का रजिस्ट्रेशन इस आधार पर निरस्त कर दिया था कि उन्होंने जिस झारखंड स्टेट ओपन स्कूल से 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की है उसे एपीजे अब्दुल कलाम यूनिवर्सिटी मान्यता नहीं देता है। जबकि बच्चों के दाखिले के वक्त झारखंड स्टेट ओपन स्कूल को विश्वविद्यालय ने मान्यता दे रखी थी और बच्चों के मूल प्रमाण पत्रों की जांच करने के बाद ही उन्हें दाखिला दिया गया था।
विश्वविद्यालय के आदेश को अधिवक्ता देश दीपक सिंह व अधिवक्ता अनिलेश तिवारी ने चुनौती देते हुए रिट संख्या 23929 एमएस/2019 साहिर सोहेल बनाम उत्तर प्रदेश राज्य दाखिल की जिसमें माननीय न्यायमूर्ति विवेक चौधरी ने 6 दिसंबर 2019 को आदेश पारित कर विश्वविद्यालय के आदेश को खारिज कर दिया और बच्चों के दाखिले को यथावत बाहाल करने का आदेश पारित किया है। न्यायमूर्ति विवेक चौधरी ने विश्वविद्यालय को कड़ी फटकार लगाई और कहा कि बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता द्वारा बताया गया कि विश्वविद्यालय द्वारा पहले झारखंड बोर्ड को मान्यता दी गई थी फिर बच्चों का दाखिला लेने के बाद उनका नाम निरस्त करना सर्वोच्च न्यायालय के कई आदेशों का उल्लंघन है और यह समानता के अधिकार के विरुद्ध भी है।