दिल्ली हाईकोर्ट ने शहर के 4 बड़े नमी अस्पतालों से 10 करोड़ रुपए की रकम मांगी है. दरअसल मामला कुछ यूँ है कि प्राइवेट अस्पतालों द्वारा गरीब मरीजों को मुफ्त इलाज ना दिए जाने के कारण ऐसा हुआ है. जिसके बाद मामले में सरकार की स्पेशल कमेटी ने यहाँ के कुछ अस्पतालों पर लगभग 100 करोड़ रुपए की पेनल्टी लगा दी है.
दिल्ली सरकार के इस आदेश पर प्राइवेट अस्पतालों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है. लेकिन हाईकोर्ट ने भी इन प्राइवेट अस्पतालों की याचिका को सुनने से पहले अपना पक्ष रखते हुए 10 करोड़ रुपए जमा कराने के निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने कहा है कि बिना यह रकम जमा कराए कोर्ट का मामला नहीं सुनेगा.
सरकारी जमीन पर बने प्राइवेट अस्पतालों को गरीबों को मुफ्त इलाज और बिस्तर की सुविधा देने को कहा गया था. लेकिन ऐसा नहीं करने पर हाईकोर्ट ने नोटिस देना शुरू किया था. दिल्ली हाईकोर्ट साल 2002 उसके बाद 2007 और फिर कई बार इन अस्पतालों को नोटिस दे चूका है. जिसके बाद दिल्ली सरकार ने इस मामले में अपनी स्पेशल कमेटी बनाई और उस कमेटी ने करीब 100 करोड रुपए की पेनल्टी इन अस्पतालों पर लगा दी.