उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के हजारों कर्मचारियों के अरबों रुपये जिस हाउसिंग कंपनी में फंसे हैं, उसी में बीएचयू ने भी करोड़ों रुपये निवेश कर रखा हैं। विवि के शिक्षकों-कर्मचारियों के प्रोविडेंट फंड डीएचएफएल (दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड), पीएनबी हाउसिंग, म्यूचुअल फंड, केरला ट्रांसपोर्ट डिवीजन फाइनेंस लिमिटेड जैसे अन्य बैंकों में अलग-अलग समय में लगाए गए हैं।
डीएचएफएल में यूपीपीसीएल ने करीब 4122.70 करोड़ की राशि निवेश की हैं, जिसमें से करीब 2267.90 करोड़ राशि फंसी है। इसे लेकर पिछले माह हजारों कर्मचारियों ने आंदोलन किया। सरकार ने तत्काल कदम उठाते हुए दोषी कर्मचारियों पर कार्रवाई की। सरकार की पहल पर कर्मचारियों के हित में मुंबई हाईकोर्ट में केस किया गया है। वित्त मंत्रालय इसे लेकर दो मार्च 2015 को ही दिशा निर्देश जारी कर दिया था। बताया था कि डीएचएफएल अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक की सूची में नहीं आती है, और यह असुरक्षित निजी संस्था है। उधर, पीएनबी हाउसिंग में भी बीएचयू के करोड़ों रुपये लगाए गए हैं। पीएनबी हाउसिंग में ही मुंबई के हजारों लोगों की अरबों की धनराशि फंसी है, जिसे लेकर वहां भी बवाल चल रहा है। सूत्र बताते हैं कि करीब डेढ़ दशक से बीएचयू के फंड को विभिन्न अवधि में ऐसे ही कुछ कंपनियों में लगाया गया है। दिवालिया होने की प्रक्रिया से गुजर रही डीएचएफएल जैसी कंपनियों में वर्ष 2014 से अब तक बीएचयू ने करीब 180 करोड़ रुपये निवेश कर रखे हैं। इस संबंध में पूछे जाने पर विवि के पीआरओ ने बताया कि डीएचएफएल में बीएचयू की कितनी राशि निवेश है इसकी जानकारी नहीं है।
बीएचयू का फंड यहां है निवेश
डीएचएफएल, ओरिएंटल बैंक आफ कारपोरेशन, बंधन बैंक लिमिटेड, इंडियन बैंक, एसबीआइ, यस बैंक, आइसीआइसीआइ, ओरियंटल बैंक, एचडीएफसी, बजाज फाइनेंस, पंजाब एंड सिंध बैंक, केटीडीएफसी, केरला ट्रांसपोर्ट, उत्कर्ष स्माल बैंक, आइडीएफसी, कोटैक, पीएसपी ब्लैब रॉक, पीएनबी हाउसिंग, पीएनबी, ओबीसी, यूको आदि कंपनियों में विभिन्न अवधि में फंड लगाया गया है।