बाबा आम्बेडकर की पुण्यतिथि पर बसपा सुप्रीमो ने समतामूलक समाज का संकल्प दोहराया
लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी(बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने शुक्रवार की सुबह पार्टी प्रदेश कार्यालय पर बाबा साहेब डाक्टर आम्बेडकर की पुण्यतिथि पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण व पुष्पांजलि कर श्रद्धा-सुमन अर्पित किया। इस मौके पर देश में उनकी मावनतावादी सोच पर आधारित जाति-मुक्त समतामूलक समाज स्थापित करने के संकल्प को दोहराया गया। इस अवसर पर मायावती ने कहा कि बाबा साहेब का मानवतावादी संविधान अगर इस देश में सही व सच्ची नीयत व नीति तथा पूरी निष्ठा व ईमानदारी के साथ लागू किया गया होता तो पिछले 70 वर्ष में सर्वसमाज के गरीबों का शोषण काफी हद तक दूर हो गया होता। भारत एक चिन्ता-मुक्त अग्रणी देश बन गया होता, लेकिन ऐसा नहीं हुआ जिसके लिए अब तक केन्द्र में रही विभिन्न पार्टियों की सरकारें खासकर कांग्रेस व बीजेपी ही असली तौर पर जिम्मेदार व कसूरवार हैं।
उन्होंने कहा कि केन्द्र व देश के विभिन्न राज्यों में बाबा साहेब डाक्टर आम्बेडकर की सही व सच्ची मान्यता व सोच वाली सरकारें नहीं रही हैं। वे वोटों के लालच व स्वार्थ में बाबा साहेब का नाम लेती रहती हैं। इस कारण बाबा साहेब आम्बेडकर के अनुयाइयों में से खासकर दलितों, आदिवासियों, अति-पिछड़ों, धार्मिक अल्पसंख्यकों शोषितों-पीड़ितों का वास्तविक सामाजिक, राजनीतिक व आर्थिक उत्थान नहीं हो पाया है। वे आज भी वंचित व उपेक्षित ही बने हुए हैं। मायावती ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश सहित देश की जो दुर्दशा है उसका सबसे ज्यादा शिकार यहाँ के करोड़ों गरीब, उपेक्षित व मेहनतकश लोग ही हो रहे हैं। उनका व उनके परिवार का भविष्य लगातार अनिश्चितता के दांव पर लगा हुआ है।