अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव तथा उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को पटरी पर लाने का जोरदार प्रयास शुरू कर दिया है। लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान बेहद सक्रिय रहीं प्रियंका गांधी दो दिन के दौरे पर आज लखनऊ पहुंची हैं। यहां पर प्रियंका गांधी वाड्रा 14 दिसंबर को दिल्ली में होने जा रही भारत बचाओ रैली की तैयारियों की समीक्षा करने के साथ मिशन 2022 पर भी चर्चा करेंगी।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा शुक्रवार को लखनऊ एयरपोर्ट पहुंचने के बाद सबसे पहले अपनी रिश्तेदार पूर्व मंत्री शीला कौल के आवास, गोखले मार्ग पहुंचीं। यहां कुछ देर रुकने के बाद उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्यालय कांग्रेस नेहरू भवन पहुंची और परिनिर्वाण दिवस बाबा साहेब डॉ. भीमराव आम्बेडकर के चित्र पर तस्वीर पर माल्यार्पण करने के साथ उनको नमन किया।
प्रदेश मुख्यालय में प्रियंका गांधी वाड्रा कार्यकर्ताओं के साथ देर शाम तक बैठक करेंगी। वह दो दिन के लखनऊ दौरे पर कुल 16 घंटा मैराथन बैठक करेंगी। आज 11.15 से दोपहर दो और फिर शाम चार से आठ बजे तक पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठकें करेंगी। शनिवार को भी सुबह 11 से दो और फिर शाम चार से सात बजे तक बैठकें होंगी।
पहले वह अब पार्टी की सलाहकार समिति के साथ बैठक कर रही हैं। बैठक में पूर्व मंत्री जितिन प्रसाद, राजीव शुक्ला, नसीमुद्दीन सिद्दीकी हैं। इस समिति में शामिल पूर्व मंत्री सलमान खुर्शीद और आरपीएन सिंह अभी नहीं पहुंचे।
रैली के लिए यूपी से ताकत जुटाएंगी प्रियंका
सियासी रूप से कांग्रेस के लिए लगभग बंजर हो चुके यूपी में पार्टी के सपनों की झंडाबरदार प्रियंका वाड्रा को न सिर्फ प्रतिद्वंद्वी दलों से जूझना है, बल्कि संगठन को भी खड़ा करने की चुनौती है। घर में बैठे कार्यकर्ताओं को निकालकर सड़कों पर उतारने के लिए फिलहाल 14 दिसंबर को दिल्ली में होने जा रही भारत बचाओ रैली बड़ा मौका है। मुख्य मुद्दा है 14 दिसंबर को नई दिल्ली में होने जा रही भारत बचाओ रैली। हर जिले से अधिक से अधिक भीड़ कैसे जुटाई जाए, इस पर वह पदाधिकारियों के साथ बात करेंगी। शीर्ष नेतृत्व में शामिल किसी भी नेता की तुलना में सबसे बड़े राज्य की कमान बतौर प्रभारी प्रियंका के पास है, इसलिए दिल्ली की रैली में यूपी का दम भी उन्हें दिखाना है। प्रदेश के हर मुद्दे पर वह सोशल मीडिया के माध्यम से ट्वीट कर रही हैं। सरकार को घेरने का प्रयास लगातार चल रहा है। अब दो दिन यहीं रुक कर सतत बैठकों का इशारा यही है कि अगले विधानसभा चुनाव की तैयारियों के लिए प्रियंका लखनऊ में सक्रियता बढ़ाने जा रही हैं।
मैनपुरी के पीडि़त परिवार से मुलाकात की अटकलें
अटकलें हैं कि लखनऊ में बैठकों के बीच में ही प्रियंका मैनपुरी की मृत छात्र के परिवार को मुख्यालय में बुलवाकर मुलाकात कर सकती हैं। कयास इसलिए है, क्योंकि उन्हीं के पत्र के बाद इस प्रकरण में कार्रवाई शुरू हुई।