नई दिल्ली : तलाकशुदा महिलाओं के लिए यह राहतभरा पैगाम है कि वे तलाक के बाद भी घरेलू हिंसा की शिकायत कर सकती है . यह व्यवस्था देश की शीर्ष अदालत ने राजस्थान हाईकोर्ट के एक आदेश में हस्तक्षेप करने से इंकार करते हुए दी .
आपको जानकारी दे दें कि राजस्थान हाईकोर्ट ने वैवाहिक संबंध के एक विवाद में फैसला सुनाया था कि अगर घरेलू संबंध नहीं रह गए हैं, तो भी यह किसी भी तरह से एक अदालत को पीड़िता को राहत देने से नहीं रोक सकती . इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई थी.यहां से भी अपीलकर्ता को सफलता नहीं मिली.
बता दें कि जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस आर भानुमति और जस्टिस नवीन सिन्हा की सदस्यता वाली एक पीठ ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ की गई अपील खारिज कर कहा कि सुप्रीम कोर्ट राजस्थान उच्च न्यायालय के इस आदेश में हस्तक्षेप करना नहीं चाहती. हालाँकि महिला के पति की ओर से पेश हुए वकील दुष्यंत पाराशर ने दलील दी कि घरेलू हिंसा कानून को पहले से लागू नहीं किया जा सकता क्योंकि महिला व उसके पति अब एक-दूसरे से अलग हो चुके हैं. लेकिन कोर्ट ने इस दलील को नहीं माना .सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से तलाकशुदा महिलाएं भी अब घरेलू हिंसा की शिकायत कर सकेंगी.