नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट में मनी लांड्रिंग के मामले में रॉबर्ट वाड्रा को मिली अग्रिम जमानत रद्द करने की मांग करने वाली ईडी की याचिका पर फिर सुनवाई टल गई है। इस पर सुनवाई करने वाले जज के छुट्टी पर होने की कारण मामले की सुनवाई टल गई। कोर्ट इस मामले पर 23 दिसम्बर को सुनवाई करेगा। पिछले 25 नवम्बर को भी हाईकोर्ट ने सुनवाई टाल दी थी। उसके पहले 5 नवम्बर को भी हाईकोर्ट ने सुनवाई टाल दी थी। ईडी ने वाड्रा की हिरासत में पूछताछ की मांग की है। पिछले 26 सितम्बर को सुनवाई के दौरान ईडी ने हाईकोर्ट से कहा था कि वाड्रा की हिरासत में लेकर पूछताछ की जरूरत है, क्योंकि मनी ट्रेल सीधे-सीधे वाड्रा से जुड़ा हुआ है। ईडी ने जस्टिस चंद्रशेखर की कोर्ट से कहा था कि वाड्रा जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। ईडी की इस दलील का वाड्रा ने विरोध करते हुए कहा था कि ईडी ने जब भी समन जारी किया है, वे जांच में शामिल हुए हैं। ईडी ने जो भी सवाल पूछा है उसका जवाब दिया गया है। वाड्रा के वकील ने कहा था कि आरोप स्वीकार नहीं करने का ये मतलब नहीं होता है कि आरोपित असहयोग कर रहा है।
पिछले 24 सितम्बर को वाड्रा ने अपना जवाबी हलफनामा दायर कर ईडी की याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ की कोई आशंका नहीं है, क्योंकि ईडी ने उनसे सभी दस्तावेज जब्त कर लिए हैं। वाड्रा ने कहा था कि उनके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं हैं। बिना समन जारी किए ही वे ईडी के समक्ष पेश हो गए। उनकी विदेश में कोई संपत्ति नहीं है और न ही उन्होंने किसी डील में कोई रिश्वत ली है। ईडी ने उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाए हैं। ईडी का मकसद वाड्रा को लेकर कोर्ट और आम लोगों में केवल भ्रम फैलाना है। पिछले 1 अप्रैल को ट्रायल कोर्ट ने वाड्रा को अग्रिम जमानत दी थी तो ये शर्त लगायी थी कि उन्हें देश के बाहर जाने के पहले कोर्ट की अनुमति लेनी होगी। मामला वाड्रा की करीब 1.9 मिलियन ब्रिटिश पाउंड की संपत्ति की खरीद से जुड़ा हुआ है। उस मामले में ईसीआईआर के आधार पर ईडी वाड्रा से कई बार पूछताछ कर चुका है।