नई दिल्ली : केरल के सबरीमाला मंदिर जाने से रोकी गई एक्टिविस्ट बिंदु अम्मिनी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट अगले हफ्ते सुनवाई करने के लिए सहमत हो गया है। अम्मिनी की तरफ से वकील इंदिरा जयसिंह ने चीफ जस्टिस एसए बोब्डे की अध्यक्षता वाली बेंच से कहा कि जब अम्मिनी मंदिर गई थी तो उनपर हमला हुआ। पुलिस ने मंदिर के अंदर जाने में मदद नहीं की। तब कोर्ट अगले हफ्ते सुनवाई पर सहमत हो गया लेकिन चीफ जस्टिस ने कहा कि पिछले साल का फैसला अंतिम नहीं है। मसला बड़ी बेंच में जा चुका है।
2018 में सुप्रीम कोर्ट ने हर आयु की महिला को वहां जाने की इजाज़त दी थी। याचिका में कहा गया है कि सबरीमाला मामले पर दाखिल रिव्यू पिटीशंस पर सुप्रीम कोर्ट के 14 नवम्बर के फैसले के बाद केरल सरकार 10 से 50 साल तक की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश नहीं करने दे रही है। अम्मिनी ने कहा है कि जब वो पिछले 26 नवम्बर को कोच्चि सिटी पुलिस कमिश्नर के यहां मंदिर में प्रवेश के लिए सुरक्षा की मांग करने गई थी तो उस पर कोई तीखा स्प्रे फेंका गया था। अम्मिनी ने 26 नवम्बर को तृप्ति देसाई और सरस्वती महाराज के साथ मंदिर में जाने की योजना बनाई थी। याचिका में कहा गया है कि पुलिस सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों को नजरअंदाज कर रही है।