जस्थान में घूंघट प्रथा (पर्दा प्रथा), बालिका शिक्षा, बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ सामाजिक आंदोलन चलाया जाएगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पहल पर सरकार सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर यह आंदोलन चलाएगी। इस आंदोलन को अभियान का रूप दिया जाएगा।
बाल विवाह और दहेज के लिए तो कानून पहले से ही बने हुए है, लेकिन घूंघट प्रथा को खत्म करने के लिए सीएम गहलोत सामाजिक आंदोलन चलाना चाहते हैं। सामाजिक आंदोलन के तहत राज्य सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनी, शिक्षकाओं के साथ ही सामाजिक संगठनों से जुड़ी सामाजिक कार्यकर्ता ग्रामीण इलाकों में जाकर महिलाओं को घूंघट प्रथा से मुक्ति दिलाने को लेकर जागरूक करेगी।
ग्रामीण क्षेत्रों में यह समझाया जाएगा कि आधी आबादी के घूंघट में रहने का प्रभाव आने वाली पीढ़ी पर होता है। महिला बाहर निकलेगी तो बाहरी दुनिया को देखेगी, समझेगी और फिर वह अपने बच्चों को समझाएगी। सीएम गहलोत का कहना है कि महिलाओं को घूंघट में देखता हूं तो मुझे बड़ा दुख होता है। घूंघट प्रथा खत्म होनी चाहिए। प्रदेश में घूंघट प्रथा को खत्म किया जाएगा।
ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता कार्यक्रम होंगे
सामाजिक आंदोलन मूल रूप से घूंघट प्रथा को खत्म करने के लिए चलाया जाएगा, लेकिन साथ में दहेज प्रथा और बाल विवाह के खिलाफ लोगों को जागरूक करने के कार्यक्रम भी होंगे। बाल विवाह के दुष्प्रभावों को समझाने के लिए अन्य प्रदेशों के शिक्षाविद्धों को भी ग्रामीण क्षेत्रों में बुलाया जाएगा। बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए राजनीति, प्रशासनिक एवं व्यवसाय के क्षेत्र में आगे बढ़ने वाली महिलाओं के साथ ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं के संवाद के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
जानकारी के अनुसार लोकसंवाद कार्यक्रमों, मानव क्षृंखला, रात्रि चौपाल और विचार-गोष्ठियों के माध्यम से घूंघट प्रथा के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाएगा। जानकारी के अनुसार सीएम इस बारे में अगले कुछ दिनों में अधिकारिक घोषणा कर सकते हैं। उन्होंने पिछले दिनों अधिकारियों को इसकी रूपरेखा तैयार करने के निर्देश दिए थे।