महाराष्ट्र विधानसभा का अध्यक्ष (स्पीकर) कौन होगा, यह रविवार को बुलाए गए विधानसभा के विशेष अधिवेशन में तय हो जाएगा। इस पद के लिए कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों ने नामांकन किया है।
कांग्रेस ने नाना पटोले और भाजपा ने किसन कथोरे को बनाया उम्मीदवार
शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस की महाविकास अघाड़ी सरकार में विधानसभा अध्यक्ष का पद कांग्रेस के हिस्से में और उपाध्यक्ष का पद राकांपा के हिस्से में आया है। कांग्रेस ने इस पद के लिए अपने सदस्य नाना पटोले को उम्मीदवार बनाया है। जबकि भाजपा ने अपने विधायक किसन कथोरे को। महाराष्ट्र विधानमंडल के नियमानुसार यदि विधानसभाध्यक्ष पद के लिए एक से अधिक लोग उम्मीदवार हों तो फैसला गुप्त मतदान के जरिये होता है।
यदि बनी बनाई परिपाटी के अनुसार विधानसभा की कार्यवाही चलती तो सबसे पहले प्रोटेम स्पीकर का चुनाव होता, फिर नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाई जाती, तत्पश्चात स्पीकर का चुनाव होता, उसके बाद विश्वास मत पर मतदान होता। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के निर्णय ने इस परिपाटी में ही परिवर्तन कर दिया। उसके निर्देशानुसार प्रोटेम स्पीकर के चुनाव बाद सदस्यों को शपथ दिलाई गई और उसके बाद सीधे विश्वासमत की प्रक्रिया पूरी की गई।
अजीत पवार के इस्तीफे के बाद स्थिति बदली
शुरुआती दौर में भाजपा को उम्मीद थी कि यदि पूर्णकालिक विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव गुप्त मतदान से होगा तो उसके उम्मीदवार को अजीत पवार समर्थक कुछ राकांपा विधायक और कुछ निर्दलीय विधायकों के मत मिल सकते हैं। लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है। उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद अजीत पवार की पूरी तरह घर वापसी हो चुकी है। उन्हें मालूम है कि अब सरकार भी अगले छह माह के लिए सुरक्षित है।
राकांपा ने अभी तय नहीं किया उपमुख्यमंत्री
राकांपा ने अपने हिस्से में आए उपमुख्यमंत्री पद के लिए अभी तक कोई नाम तय नहीं किया है। राकांपा नेता प्रफुल्ल पटेल के अनुसार इसका फैसला अब शीतकालीन अधिवेशन के बाद होगा। इस पद की दौड़ में अजीत पवार ही सबसे आगे बताए जा रहे हैं इसलिए अब वह या उनके समर्थक विधायक शक के दायरे में आने वाला कोई कदम उठाने से बचेंगे। दूसरी ओर भाजपा देख चुकी है कि सदन से उसके बहिष्कार करने के बावजूद सरकार के पक्ष में 169 मत पड़े हैं। इसलिए कोई ताज्जुब नहीं कि रविवार को विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव से पहले ही भाजपा हथियार डाल दे।