मुख्यमंत्री योगी की नीयत और मन साफ भ्रष्टाचार पर किया एक और बड़ा कुठाराघात : गन्ना किसानों के हित में अखिलेश को करना था जो काम आखिर योगी ने उसे दिया अंजाम यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चीनी मिलों की बिक्री में हुए घोटाले पर पहले सीबीआई जांच और आज एक अन्य महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए भ्र्ष्टाचार पर कड़ी चोट की है,बसपा सरकार में प्रदेश के बहुमूल्य चीनी मिलों को कौड़ियों के दाम पर बेचे जाने के मामले में मेरे द्वारा की गई पीआईएल पर योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में काउंटर एफिडेविट दायर करते हुए ये स्वीकार किया कि चीनी मिलों के बेचने में गड़बड़ियां हुई थी।
मेरे पिछले 7 साल और 2 महीने के इंतज़ार के बाद आखिर योगी जी ने अपनी साफ नियत और स्पस्ट कार्यशैली को साबित करते हुए ये सिद्ध कर दिया कि मुख्यमंत्री के रूप में वो जो कहते हैं उसे अमल में भी लाते है, चीनी मिलों की बिक्री का मामला चूंकि बसपा सरकार में हुआ था लिहाजा उनसे तो ऐसे किसी कदम की कोई उम्मीद नही थी लेकिन इस मामले का सियासीकरण कर सत्ता में आई समाजवादी पार्टी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जो कि गांव गरीब किसान की राजनीति करने वाले मुलायम सिंह के पुत्र है ने लाखों गन्ना किसानों को बर्बाद करने वाले इस घोटाले पर ऐसा यू टर्न लिया कि पूरे पांच साल तक इस मामले से जुड़े अधिकारियों और कुछ चीनी मिल मालिकों को बचाते रहे और मामले की लीपापोती करते रहे,जबकि अखिलेश सरकार ने प्रदेश की विधानसभा में स्वीकार किया था कि चीनी मिलों को बेचे जाने में भारी गड़बड़ियां हुई थी बाबजूद इसके अखिलेश सरकार ने कोर्ट में मायावती सरकार के स्टैंड को ही जारी रखा और भृष्टाचारिओं को बचाते रहे जबकि अखिलेश सरकार में ही सुप्रीम कोर्ट ने मेरी एसएलपी और सीसीआई के लिए राज्य सरकार को नोटिस जारी किया था और मैंने ये नोटिस अखिलेश सरकार में रिसीव भी करा दी थी लेकिन अखिलेश सरकार के इरादे कुछ और थे, खैर 2017 में हुए सत्ता परिवर्तन के बाद जब योगी जी ने प्रदेश की बागडोर संभाली तो उन्होंने चीनी मिलों की बिक्री में हुई गड़बड़ियों को गंभीरता से लेते हुए शुरू से ही इस मसले पर न सिर्फ कडा रवैया अपनाया बल्कि कार्यवाही भी की और इस घोटाले की सीबीआई जांच की संस्तुति की.
योगी के कड़े रवैये का ही नतीजा था कि पोंटी चड्डा की वेव इंडिया कंपनी एवं अन्य कंपनियों ने कोर्ट में लिखकर दिया कि वो सरकार को चीनी मिलें वापस करने को तैयार है बाबजूद इसके बसपा के पूर्व एमएलसी इकबाल के पुत्रों से जुड़ी कंपनियां इसके लिए तैयार नही है जबकि ज्यादातर ऐसी चीनी मिलें जिनमे अरबों रुपये की जमीनें है वो इन्ही के पास है, लेकिनआज आखिरकार मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में मेरी दो पीआईएल पर काउंटर एफिडेविट दाखिल कर दिया,जिसके लिए योगी जी वाकई बधाई के पात्र है—-सच्चिदानंद”सच्चे” पीआईएल कर्ता।