सात दशक बाद उत्तर प्रदेश पुलिस की वर्दी से एक और अंग्रेजी पहचान विदा हो गई। रैतिक यानी खास अवसरों पर होने वाली परेड समेत अन्य आयोजनों में पुलिस अफसर समेत अन्य कर्मचारी ट्यूनिक (कोट) और टाई नहीं पहनेंगे। मंच पर रहने वाले पुलिस वाले इसके स्थान पर सिर्फ बेल्ट लगाए रहेंगे। जबकि अन्य कर्मी मौसम के मुताबिक चलने वाली सामान्य ड्रेस में दिखेंगे।
अंग्रेजी हुकूमत के दौरान खास मौकों पर पुलिस अफसर ट्यूनिक कोट का प्रयोग करते थे। इसमें विभिन्न जेब वाले एक कोट रहता था, जिसके ऊपर कमर पर बेल्ट रहती थी। साथ ही कंधे पर दूसरी बेल्ट रहती जिसमें पिस्टल कवर रहता था। देश की आजादी के बाद भी उस परंपरा को जारी रखा गया। हालांकि, बीच-बीच में बदलाव कोशिश हुईं मगर परवान नहीं चढ़ीं। हाल ही में अपर पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय बीपी जोगदंड ने ट्यूनिक और टाई पहनने पर रोका आदेश जारी किया।
ट्रैफिक पुलिस भी दिखेगी बदले रूप में
इसके साथ ही एक दिसंबर से यातायात पुलिसकर्मी भी एक बार फिर बदले रूप में दिखेंगे। अबकी सिपाही से लेकर दारोगा तक समान वर्दी में दिखेंगे। वे नीली पैंट और सफेद शर्ट के साथ कैप भी नीली लगाएंगे।
महिला सिपाहियों का लुक भी बदला
इससे पहले महिला सिपाहियों से लेकर इंस्पेक्टर (अराजपत्रित श्रेणी) तक की वर्दी बदली जा चुकी है। 16 मई 2018 को जारी में महिला पुलिस कर्मियों की वर्दी में पैंट, प्रचलित यूनिफार्म के मानक के अनुरूप रखने जबकि शर्ट ट्यूनिक की तरह डिजाइन की गई है। ट्यूनिक शर्ट के कॉलर, जेब, लंबाई, बेल्ट के लिए लूप आदि के संबंध में भी डिजाइन तय है।