देश में 18 फीसदी बढ़ी टीबी के मरीजों की संख्या

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने लोकसभा में दी जानकारी

नई दिल्ली : केंद्र सरकार भले 2020 तक देश को टीबी मुक्त करने का दावा कर रही हो लेकिन हकीकत यह है कि इसके मरीजों की संख्या में 18 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने शुक्रवार को लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने देश को क्षयरोग से मुक्त करने के संबंध में प्रश्न किया था। डॉ हर्षवर्धन ने बताया कि नवीनतम ग्लोबल टीबी रिपोर्ट के अनुसार भारत में टीबी एचआईवी के कारण हुई अनुमानित मौतों में वर्ष 2010 में 63 हजार की तुलना में वर्ष 2018 में 9,700 अर्थात् 85 प्रतिशत की कमी आई है। इस अवधि में टीबी एचआईवी सहित टीबी के कारण भारत में हुई कुल अनुमानित मौतों में वर्ष 2010 में 5,57,000 की तुलना में वर्ष 2018 में 4,49,000 अर्थात् 19 प्रतिशत तक की कमी आई है।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि नवीनतम इंडिया टीबी रिपोर्ट के अनुसार 2018 में टीबी अधिसूचित लगभग 59 प्रतिशत मामले 15 से 44 वर्ष के उत्पादक आयु वर्ग से थे। 45 वर्ष से अधिक आयु में यह आंकड़ा 35 प्रतिशत है, जबकि 15 से कम आयु वर्ग में यह छह प्रतिशत है। भारत में क्षयरोग के मुख्य कारणों में गरीबी, कुपोषण, कम हवादार घरों में रहना, वायु प्रदूषण और धूम्रपान शामिल है। हर्षवर्धन ने बताया कि भारत सरकार ग्लोबल एसडीजी लक्ष्य अर्थात् घटनाओं में 80 प्रतिशत की कमी तथा होने वाली मौतों में 90 प्रतिशत की कमी (आधार वर्ष 2015) से पांच वर्ष पहले अर्थात् 2025 तक टीबी के उन्मूलन के प्रति प्रतिबद्ध है। टीबी घटनाएं 2015 में प्रति लाख आबादी पर 217 की तुलना में कम होकर 2018 में प्रति लाख आबादी पर 199 तक रह गई है।

 

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com