अयोध्या में राम लला की जमीन के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब सुन्नी वक्फ बोर्ड पर सभी की निगाह है। सुन्नी वक्फ मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अमल करने पर बैठक कर रहा है। इस बैठक में तय होगा कि सुन्नी वक्फ अयोध्या में पांच एकड़ जमीन लेगा या नहीं।
सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड कार्यालय, मॉल एवेन्यू में सुन्नी वक्फ बोर्ड की मीटिंग में बोर्ड के चेयरमैन ज़ुफर फारुकी के साथ अदनान फारुक शाह, ख़ुशनूद मियां, जुनैद सिद्दीकी, मोहम्मद जुनिद, अब्दुल रज़्जाक खां शिरकत कर रहे हैं। इस बैठक में सुल्तानपुर से विधायक मोहम्मद अबरार अहमद के साथ इमरान माबूद को भी शामिल होना है। इस बैठक में आज ही पांच एकड़ जमीन लेने या ना लेने पर मुहर लगेगी। बोर्ड के आठ में छह सदस्य पहुंच चुके हैं।
अयोध्या के मामले में नौ नवंबर को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आज लखनऊ में मुस्लिमों के सबसे बड़े पक्षकार सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की अहम बैठक है। बोर्ड की इस बैठक में बाबरी मस्जिद का नाम वक्फ प्रॉपर्टी से हटाने, पुनर्विचार याचिका दाखिल करने और पांच एकड़ जमीन लेने या न लेने के संबंध में फैसला लिया जाएगा।
सुन्नी वक्फ बोर्ड बैठक में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अपनी आगे की रणनीति बनाएगा। बोर्ड ने अपने सभी आठों सदस्यों को लखनऊ बुलाया है। बैठक अपने आप में बड़ी खास है, क्योंकि इसी मीटिंग के बाद यह तय होगा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड अयोध्या मसले में आगे क्या करेगा। इस बैठक में चार प्रमुख बातें हैं जिनपर बोर्ड में चर्चा की जाएगी।
पहला मुद्दा- पुनर्विचार याचिका
इस बैठक में सुन्नी वक्फ बोर्ड यह तय करेगा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद वो पुनर्विचार याचिका डालेगा या नहीं। बोर्ड के चेयरमैन जफर फारूकी पहले ही इस बात को कह चुके हैं कि वह कोर्ट के फैसले के खिलाफ अब कोई भी रिव्यू पीटिशन नहीं डालेंगे।
दूसरा मुद्दा- मस्जिद की जमीन ली जाए या नहीं
बैठक में सुन्नी वक्फ बोर्ड यह फैसला करेगा कि सुप्रीम कोर्ट की तरफ से मस्जिद के लिए जो उसे पांच एकड़ जमीन दी गई है वह उसे लेनी है या नहीं. हालांकि, सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन पहले ही उस जमीन को लेने की बात कह चुके हैं।
तीसरा मुद्दा- पांच एकड़ जमीन पर मस्जिद बने या नहीं
इस बात की भी चर्चा होगी कि जो जमीन मिलने वाली है, उस पर क्या निर्माण किया जाए। इस पर बोर्ड के चेयरमैन जफर फारूकी कहते हैं कि कई प्रपोजल आ रहे हैं कि वहां मस्जिद के साथ कोई इस्लामिक यूनिवर्सिटी या अस्पताल बना दिया जाए। इस पर भी फैसला बोर्ड की मीटिंग में ही होना है।
चौथा मुद्दा- 75 वर्ष बाद वक्फ बोर्ड के दस्तावेजों से हटेगा बाबरी मस्जिद का नाम
बोर्ड की बैठक में 75 साल बाद वक्फ बोर्ड के दस्तावेजों से बाबरी मस्जिद का नाम हटाने पर भी मुहर लगने की संभावना है। सुन्नी वक्फ बोर्ड के दस्तावेज रजिस्टर दफा 37 में एक लाख 23 हजार से ज्यादा वक्फ संपत्तियां दर्ज हैं। सर्वे वक्फ कमिश्नर विभाग ने 75 वर्ष पहले 1944 में सुन्नी वक्फ बोर्ड के दस्तावेजों में बाबरी मस्जिद को दर्ज कराया था। यह वक्फ नंबर 26 पर बाबरी मस्जिद अयोध्या जिला फैजाबाद नाम से दर्ज है, जिसे सुप्रीम कोर्ट के पैसले के बाद अब हटाया जाना है।
फैसला लेना आसान नहीं
जफर फारूकी के लिए यह फैसले लेना इतना आसान नहीं होगा। बोर्ड के दूसरे सदस्य चेयरमैन के खिलाफ विरोध कर रहे हैं कि जब अभी बोर्ड की मीटिंग हुई नहीं तो चेयरमैन जफर फारूकी कैसे रिव्यू पीटीशन दाखिल न करने या 5 एकड़ जमीन लेने या उसपर कुछ और निर्माण की कह सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड जहां पुनर्विचार याचिका दाखिल करने पर मन बना चुका है, वहीं सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जफर फारूकी कह चुके हैं कि इस मामले में पुनर्विचार याचिका नहीं दाखिल करेंगे।